सुरक्षा का मूल्यांकन कर पुनः आदेश जारी करने के गृह सचिव को दिए निर्देश

नैनीताल, 08 जुलाई (हि.स.)। हाईकोर्ट में खानपुर हरिद्वार से निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा को वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा दिए जाने के साथ साथ राज्य सरकार की ओर से अन्य माननीयों को गलत तरीके से सुरक्षा मुहैय्या कराए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार को इन माननीयों का सुरक्षा का मूल्यांकन कर पुनः आदेश जारी करने के निर्देश गृह सचिव को दिए है।
मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी भगत सिंह ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि विधायकों को सुरक्षा के नाम पर उन्हें एक सुरक्षाकर्मी दिया जाता है इसके अलावा यदि किसी विधायक को खतरा है तो उन्हें एक अतिरिक्त सुरक्षा कर्मी दिया जाता है।

किसी विधायक को सुरक्षा कवर देने से पहले एलआईयू द्वारा रिपोर्ट विभाग को दी जाती है। जबकि उन्होंने शर्मा के मामले का उदारहण देते हुए कहा कि उन्हें सुरक्षा देते वक्त अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का पालन किए बिना उनके प्राथर्ना पत्र के आधार पर उन्हें वाई प्लस सुरक्षा प्रदान की गई है। यही नही उनके पास अपनी पर्सनल एस्कॉर्ट भी है। याचिकाकर्ता का कहना था कि स्थानीय खुफिया इकाई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उनके जीवन को कोई खतरा नहीं है। इसलिए उनकी वाई प्लस सुरक्षा हटाई जाए।