कोली पटेल समाज से सीएम बनाने की मांग पर गुजरात में सियासी हलचल तेज

अहमदाबाद, 8 जुलाई (हि.स.)। गुजरात के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल के केन्द्रीय मंत्री बनने के बाद से राज्य का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। 4 और 5 जुलाई को सारंगपुर में हुए प्रदेश कार्यकारिणी बैठक में पाटिल ने भी पद छोड़ने की मंशा प्रकट की है। इसके बाद से नए प्रदेश अध्यक्ष पर कई लोगों की निगाहें हैं तो दूसरी ओर अब मुख्यमंत्री के पद को लेकर भी रस्साकशी तेज हो गई है।
गुजरात ठाकोर और कोली विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष भूपत डाभी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कोली समाज के अग्रणी और राज्य के कैबिनेट मंत्री कुंवरजी बावलिया को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की है। इस पत्र के बाद से ही राज्य का सियासी पार चढ़ गया है। दूसरी ओर कांग्रेस गोत्र (कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल नेता) के कुंवरजी बावलिया ने मुख्यमंत्री बनाने की मांग पर खुद स्पष्टता की है। कुंवरजी ने कहा कि यह बात बिल्कुल आधारहीन है। ऐसे मामलों में निर्णय हाईकमान लेता है।

राजकोट जिले के जसदण के विछीया के कोली समाज ने कुंवरजी बावलिया को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर दिल्ली तक मांग की है। हालांकि बावलिया ने इस बात को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। जबकि भूपतभाई डाभी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संबोधित पत्र में सर्वप्रथम उन्हें पीएम बनने पर बधाई दी है। गुजरात में कोली समाज की आबादी का उल्लेख करते हुए भूपत डाभी ने कहा है कि उन्होंने कोली समाज का सर्वे करने के बाद पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि कुंवरजी भाई के कहने पर कोली समाज ने भाजपा को वोट दिया है। गुजरात में 265 सरपंच कोली समाज से हैं। जिले और तहसील पंचायत में कोली समाज के चुने गए सदस्य हैं। पांचाल विकास बोर्ड समस्त कोली समाज के प्रमुख विनोद वालाणी ने कहा कि बावलिया लगातार 7 बार विधायकऔर एक बार सांसद के रूप में चुने गए हैं। गुजरात में 32 फीसदी आबादी कोली समाज की है। गुजरात में अभी नए प्रदेश अध्यक्ष पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, इधर मुख्यमंत्री बदलने की बात जोर पकड़ने लगी है। इधर, कुंवरजी बावलिया के पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात को भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।