निदेशक माध्यमिक शिक्षा, संयुक्त शिक्षा निदेशक वाराणसी, डीआईओएस जौनपुर समेत अन्य के खिलाफ जमानती वारंट जारी

प्रयागराज, 08 जुलाई (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंटर कॉलेज के एक अध्यापक के वेतन के मामले में आदेश के बावजूद जवाब दाखिल नहीं करने पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक प्रयागराज, संयुक्त शिक्षा निदेशक वाराणसी, डीआईओएस जौनपुर, फाइनेंस एंड अकाउंट अफसर जिला विद्यालय निरीक्षक ऑफिस जौनपुर एवं इंटरमीडिएट कॉलेज नेवरिया जौनपुर के मैनेजर के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने बजरंगबली दुबे की याचिका पर पारित किया है। कोर्ट को बताया गया कि याची ने 2010 में याचिका दाखिल की थी, जिस पर इन सभी विपक्षी पक्षकारों से जवाब मांगा गया था। लेकिन उन्होंने अब तक जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं किया है। इस पर कोर्ट ने इन सभी को पांच जुलाई तक जवाब दाखिल करने या फिर व्यक्तिगत रूप से सम्पूर्ण रिकॉर्ड के साथ उपस्थित होने के लिए आदेश दिया था। लेकिन न तो पक्षकार उपस्थित हुए और न उनके अधिवक्ता और न ही कोई जवाब दाखिल किया गया। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए इन सभी अधिकारियों की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए जमानती वारंट जारी किया है।
याची की नियुक्ति इंटर कॉलेज नेवरिया जौनपुर की मैनेजमेंट कमेटी द्वारा 1995 में की गई थी। उसके बाद मैनेजर ने डीआईओएस को नियुक्ति के अनुमोदन के लिए पत्र लिखा लेकिन डीआईओएस ने एक सप्ताह बीतने के बाद भी अनुमोदन का आदेश नहीं किया। जिससे मैनेजमेंट ने मान लिया कि याची की नियुक्ति का अप्रूवल हो गया है।

डीआईओएस ने वेतन का अनुमोदन भी 1999 में कर दिया लेकिन याची को वेतन नहीं मिल रहा था। याची ने कई प्रत्यावेदन दिए, उसके बाद भी वेतन नहीं मिला तो उसने याचिका दाखिल की। हाईकोर्ट ने डीआईओएस को याची के प्रत्यावेदन को शीघ्र निस्तारित करने का निर्देश दिया। डीआईओएस ने याची के प्रत्यावेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि याची की नियुक्ति एलटी ग्रेड असिस्टेंट टीचर में न होकर सीटी ग्रेड असिस्टेंट टीचर के रूप में हुई थी। जबकि सीटी ग्रेड को डाइंग कैडर घोषित कर दिया गया है।

डीआईओएस ने यह कहा कि याची की नियुक्ति मैनेजमेंट द्वारा मौलिक रूप से रिक्त पद के प्रति की गई है। मौलिक रूप से रिक्त पद पर नियुक्ति का अधिकार उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में निहित है। इसलिए याची की मेनेजमेंट द्वारा नियुक्ति विधि विरुद्ध होने के कारण वेतन संदाय खाते से वेतन भुगतान किया जाना विधि सम्मत नहीं है। याचिका पर अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी।