22 जुलाई से एनएच 58 और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर भारी वाहनों पर प्रतिबंध

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सावन माह में आगामी कांवड़ यात्रा के मद्देनजर दिल्ली को हरिद्वार से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 58 (एनएच 58) और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (डीएमई) पर 22 जुलाई से 4 अगस्त तक चरणबद्ध तरीके से यातायात प्रतिबंधित रहेगा।

मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) ध्रुवकांत ठाकुर ने गुरुवार को पश्चिमी यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली के 14 जिलों के एसपी, एएसपी और अन्य अधिकारियों के साथ कांवड़ यात्रा के ट्रैफिक प्लान पर चर्चा की और 22 जुलाई से एनएच 58 पर भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने का फैसला किया।

योजना के बारे में एचटी से बात करते हुए एडीजी ने बताया कि 22 जुलाई से एनएच 58 और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर भारी वाहनों की आवाजाही बंद कर दी जाएगी, जबकि 25 जुलाई से हल्के और मध्यम वाहनों को एनएच 58 के बाईं ओर (दिल्ली से हरिद्वार जाते समय) ही चलने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 2 अगस्त को शिवरात्रि का पर्व है और जुलाई के आखिरी सप्ताह में सड़कों पर कांवड़ियों की आमद बढ़ जाएगी। इसलिए एनएच 58 पर हरिद्वार से मेरठ के बीच केवल हल्के और मध्यम वाहनों को ही चलने दिया जाएगा और 29 जुलाई से 4 अगस्त तक एनएच 58 और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर सभी तरह के वाहनों पर रोक रहेगी।

कांवड़ यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए संबंधित जिलों के अधिकारियों को रूट डायवर्जन योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

इस बीच, यात्रा के दौरान कांवड़ियों की भारी भीड़ पर नजर रखने के लिए 14 जिलों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा। इस ग्रुप से जुड़े अधिकारी अन्य जिलों के अधिकारियों को अपडेट रखेंगे ताकि उसके अनुसार पर्याप्त व्यवस्था की जा सके।

एडीजी ने कहा कि यात्रा के दौरान कांवड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के लिए राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी भी 6 जुलाई को मेरठ में अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।

उत्तराखंड के हरिद्वार और अन्य स्थानों से लाखों श्रद्धालुओं के कांवड़ लेकर आने की उम्मीद है। वे हरिद्वार से पैदल अपने गंतव्य तक पहुंचेंगे और 2 अगस्त को शिवरात्रि पर भगवान शिव के मंदिरों में गंगाजल चढ़ाने के बाद अपनी यात्रा समाप्त करेंगे।