IND vs ZIM: जिम्बाब्वे ने टी20 सीरीज के पहले मैच में भारत को 13 रनों से हरा दिया. पहले खेलते हुए जिम्बाब्वे की टीम निर्धारित 20 ओवर में 115 रन ही बना सकी. यह छोटा स्कोर लग रहा था, लेकिन भारतीय टीम ने उसके सामने हार मान ली. भारत की हालत इतनी खराब रही कि टीम के 8 बल्लेबाज रनों के मामले में दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सके. भारतीय प्रशंसकों को रुतुराज गायकवाड़ और रिंकू सिंह जैसे खिलाड़ियों से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन वे उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। तो आइए जानते हैं उन 3 कारणों के बारे में जिनकी वजह से भारत जिम्बाब्वे से हार गया।
जिम्बाब्वे को 100 रन के भीतर भी ऑलआउट नहीं कर पाई
भारत ने टॉस जीतकर जिम्बाब्वे को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया. रवि बिश्नोई और वाशिंगटन सुंदर की फिरकी ने जिम्बाब्वे की बल्लेबाजी को खराब कर दिया। एक समय मेजबान टीम का स्कोर 9 विकेट पर 90 रन था लेकिन यहां से क्लाइव मदांदे ने 25 गेंदों पर 29 रनों की नाबाद पारी खेलकर टीम का स्कोर 115 तक पहुंचाया. यह कहना शायद गलत नहीं होगा कि मदांदे की 29 रन की पारी ने आखिरकार भारत की बल्लेबाजी को ध्वस्त कर दिया. अगर जिम्बाब्वे को 100 रनों से कम पर रोक दिया जाता तो टीम इंडिया के लिए मानसिक रूप से जीत आसान हो सकती थी .
शभमान गिल का किसी ने नहीं किया समर्थन
भारतीय टीम 116 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए मैदान में उतरी थी. अभिषेक शर्मा पहले ही ओवर में शून्य के स्कोर पर आउट हो गए. वहीं ऋतुराज गायकवाड़ और रिंकू सिंह भी कुछ खास नहीं कर सके. इस मैच में भारत के लिए अभिषेक शर्मा के अलावा रियान पराग और ध्रुव ज्यूरेल ने टी20 डेब्यू किया, लेकिन ये तीनों बड़ी पारी खेलते हुए दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर सके. इस बीच एक छोर से शुभमन गिल मजबूती से खड़े रहे, जिन्होंने 29 गेंदों में 31 रन बनाए, लेकिन दूसरे छोर से साथ न मिलने के कारण कप्तान गिल भी अपना विकेट गंवा बैठे.
ख़राब फ़ील्डिंग
अगर आपने भारत बनाम जिम्बाब्वे मैच लाइव देखा है तो आपको पता होगा कि दोनों टीमों की फील्डिंग में काफी अंतर था। जब भारत पहले फील्डिंग कर रहा था तो आवेश खान, मुकेश कुमार और वॉशिंगटन सुंदर समेत कई खिलाड़ियों ने खराब फील्डिंग के कारण अतिरिक्त रन दे दिए. यहां तक कि अवेश खान ने खलील अहमद की गेंद पर ब्रायन बेनेट का आसान कैच छोड़ दिया. उनसे कैच छूट गया और चौका मिल गया. वहीं डेथ ओवरों में जिम्बाब्वे की ओर से बेहतरीन फील्डिंग की गई और आखिरी ओवरों में फील्डर्स ने वॉशिंगटन सुंदर के 2 शॉट को बाउंड्री तक पहुंचने से रोक दिया.