भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से जुड़े स्थलों को तीर्थ के रूप में करेंगे विकसित: मुख्यमंत्री डॉ.. यादव

भोपाल, 6 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ.. मोहन यादव ने शनिवार को उज्जैन के इस्कॉन मंदिर में भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना कर आरती की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि श्री कृष्णा पाथेय योजना के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं के सभी स्थलों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा।

इस अवसर पर विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा सहित अन्य जनप्रतिनिधि और इस्कॉन मंदिर के पुजारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन में 2007 से शुरू भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की परंपरा जारी हैं। बड़े ही हर्ष और आनंद का विषय है कि इस बार भगवान जगन्नाथ, बलदाऊ और बहन सुभद्रा के अलग-अलग तीन रथ निकलने जा रहे हैं। इसी प्रकार प्रदेश के अलग-अलग 17 स्थानों पर भी जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन के इंद्रध्युमन महाराज ने ही पुरी, उड़ीसा में जाकर जगन्नाथ धाम विकसित किया। उन्होंने ही उज्जैन से पूरी तक की सांस्कृतिक संबंध की परंपरा भी स्थापित की थी। भारत की एकता को अटूट बनाने में यह ऐतिहासिक प्रसंग महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि जब भगवान श्री कृष्णा 5000 वर्ष पूर्व अपने भाई बलदाऊ के साथ आए थे, तब वे सांदीपनी आश्रम पैदल ही गए थे। भगवान श्री कृष्ण की उज्जैन सहित प्रदेश के अन्य स्थानों से कई लीलाएं जुड़ी है। इसलिए मध्यप्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश में जहां-जहां भगवान श्री कृष्ण के चरण पग पड़े हैं, उन स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस्कॉन मंदिर के सभी संस्थापकों और पुजारियों को धन्यवाद भी दिया। कार्यक्रम का संचालन इस्कॉन के राघव पंडित द्वारा किया गया।