वॉयस फ्रॉड अलर्ट: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से इन दिनों आवाज की नकल करने के नए तरीके सामने आ रहे हैं। जालसाज लोगों की आवाज की नकल करके उन्हें धोखा देते हैं और उनसे पैसे ऐंठ लेते हैं। खासकर युवाओं और बुजुर्गों के लिए यह समस्या चिंता का विषय बन गई है।ध्वनि धोखाधड़ी कैसे होती है?
एआई का इस्तेमाल कर जालसाज किसी की भी आवाज की हूबहू नकल कर सकते हैं। वे अपने किसी परिचित की आवाज में फोन करते हैं और आपातकाल का बहाना बनाकर पैसे मांगते हैं। उदाहरण के लिए, मध्य प्रदेश में एक व्यक्ति को अपने बेटे का रोने वाला फोन आया, जिसके बाद उस व्यक्ति ने अपने बेटे की मदद के लिए तुरंत 50,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए। बाद में पता चला कि यह फर्जी कॉल थी।
धोखा क्यों होता है?
सोशल मीडिया का दुरुपयोग: जालसाज सोशल मीडिया से आपकी आवाज और वीडियो ले सकते हैं और इसका इस्तेमाल फर्जी कॉल करने के लिए कर सकते हैं।
वॉयस रिकॉर्डिंग: ये लोग आपकी कुछ वॉयस रिकॉर्डिंग और एआई तकनीक की मदद से फर्जी कॉल कर सकते हैं।
फर्जी कॉल: ये कॉल करके वे किसी बहाने (बैंक, बीमा आदि) के तहत आपकी निजी जानकारी मांगते हैं और फिर इसका इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए करते हैं।
हम कैसे जीवित रह सकते हैं?
अज्ञात कॉल से बचें: अज्ञात नंबरों से आने वाली कॉल को सावधानी से उठाएं। बिना सोचे समझे भरोसा न करें.
कॉल सत्यापित करें: किसी भी आपातकालीन कॉल पर तुरंत भरोसा न करें। भरोसा करने से पहले जांच लें.
सोशल मीडिया पर सावधान रहें: अपनी आवाज या निजी जानकारी सार्वजनिक रूप से साझा न करें।
सुरक्षा ऐप्स का उपयोग करें: ऐसे ऐप्स का उपयोग करें जो फर्जी कॉल की पहचान करने में मदद करते हैं।
बैंक से सावधान रहें: बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करते समय सतर्क रहें और किसी भी धोखाधड़ी वाले लेनदेन की सूचना तुरंत बैंक को दें।