चेन्नई, 5 जुलाई (हि.स.)। आर. प्रगनानंद अब भारत और अंतरराष्ट्रीय शतरंज सर्किट में एक जाना-माना नाम बन चुके हैं। सुपरबेट क्लासिकल टूर्नामेंट के लिए रोमानिया में मौजूद इस 18 वर्षीय खिलाड़ी का नाम और कद लगातार बढ़ रहा है। स्टावेंजर में आयोजित नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट में वे मैग्नस कार्लसन और हिकारू नाकामुरा से पीछे रहे लेकिन यह उनके शानदार करियर का एक और स्वर्णिम अध्याय था।
नॉर्वे में आयोजित क्लासिकल शतरंज में विश्व नंबर-1 मैग्नस कार्लसन पर प्रगनानंद की पहली जीत ने सभी का ध्यान खींचा। दिलचस्प बात यह है कि समापन समारोह के दौरान कार्लसन ने बताया कि प्रगनानंद से उनकी हार वास्तव में उनके लिए टूर्नामेंट का सबसे यादगार मैच था।
विश्व चैंपियन के साथ अपने रिश्ते पर बात करते हुए प्रगनानंद ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि उनके और मैग्नस कार्लसन के बीच कोई प्रतिद्वंद्विता नहीं है। वह उनका सम्मान करते हैं क्योंकि वे एक-दूसरे में मौजूद सर्वश्रेष्ठ को सामने लाते हैं।”
प्रगनानंद ने कहा, “जब भी हम एक दूसरे के ख़िलाफ़ खेलते हैं, मैच दिलचस्प हो जाते हैं क्योंकि हम दोनों को उस स्थिति में रहना अच्छा लगता है, इसलिए हमें इससे कोई परेशानी नहीं होती। वास्तव में, मुझे लगता है कि यही कारण है कि हमारे मैच इतने दिलचस्प हो जाते हैं।”
चेन्नई में जन्मे इस खिलाड़ी ने कार्लसन की प्रशंसा करते हुए कहा, “मैग्नस ने समापन समारोह के दौरान कहा कि मेरे खिलाफ उनका मैच यादगार था क्योंकि उसके बाद वह एक अलग खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने क्लासिकल में लगातार तीन गेम जीते, जो इस टूर्नामेंट और इस प्रारूप में बहुत मुश्किल और बहुत महत्वपूर्ण है; इसलिए कुल मिलाकर उन्होंने उस गेम को छोड़कर काफी अच्छा खेला।”
नॉर्वे में प्रगनानंद ने 2 मुक़ाबले जीते, 1 हारे और 7 ड्रॉ किए। इसके अलावा उन्होंने तीन आर्मगेडन जीते। उन्होंने कहा कि वह अपने प्रदर्शन से खुश हैं लेकिन उन्हें लगता है कि सुधार की गुंजाइश है।
प्रगनानंद ने कहा, “मैंने काफी अच्छा प्रदर्शन किया। मैंने कार्लसन और फैबियानो कारूआना के खिलाफ दो क्लासिकल गेम जीते, जो अच्छा था। मुझे लगता है कि मैं अन्य मैच में थोड़ा और दबाव बना सकता था। मुझे नहीं लगता कि मैंने सभी मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। हालांकि, भविष्य के टूर्नामेंटों में मुझे इसमें सुधार करना होगा, लेकिन कुल मिलाकर मुझे लगता है कि मैंने उच्च स्तर का प्रदर्शन किया है।”
पेरिस ओलंपिक 2024 के करीब आने पर प्रगनानंद ने कहा, “मैं भारतीय दल को शुभकामनाएं देता हूं। हम सभी आपके लिए उत्साहित हैं। मैं पहली बार एशियाई खेलों (2023 में) में गया था। और यह भावना बिल्कुल अलग थी। अगर शतरंज एक दिन ओलंपिक तक पहुंचता है, तो मुझे बहुत खुशी होगी। इस साल हमारे पास शतरंज ओलंपियाड है, इसलिए मैं इसके लिए उत्साहित हूं। शतरंज के लिए यह एक रोमांचक दौर है।”
हांग्जो में 2022 एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने वाले प्रगनानंद ने अदाणी समूह के #गर्वहै प्रोग्राम के माध्यम से प्राप्त समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। उनका मानना है कि यह उनकी और अन्य एथलीटों की यात्रा में सहायक रहा।
प्रगनानंद ने कहा,” अभी, भारत शतरंज में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। इसकी बढ़ती लोकप्रियता के साथ-साथ, हम देखते हैं कि अधिक लोग इस खेल को फॉलो कर रहे हैं। कई लोग जो इससे दूर हो गए थे, वे अब इससे फिर से जुड़ रहे हैं, इसलिए यह अच्छी बात है। शतरंज में अदाणी समूह जैसे कॉरपोरेट्स की रुचि निश्चित रूप से खिलाड़ियों को बढ़ावा देकर इसके पुनरुत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, और मुझे वास्तव में उम्मीद है कि यह प्रयास जारी रहेगा।”