Health Update: आजकल, अवसाद और चिंता सर्दी और खांसी की तरह आम हो रही है!

आजकल हर घर में कोई न कोई मानसिक बीमारी से पीड़ित है। चिंताजनक बात यह है कि डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी गंभीर बीमारियां अब सर्दी-खांसी जैसी आम होती जा रही हैं। हाल ही में हुए एक अध्ययन में चौंकाने वाली बात सामने आई है।

 

फ़िनलैंड विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि पिछले तीन वर्षों में इन मानसिक बीमारियों से पीड़ित रोगियों की संख्या में 60% की वृद्धि हुई है। अध्ययन में 11 से 16 वर्ष की आयु के 700,000 बच्चों के डेटा शामिल थे। विश्लेषण में पाया गया कि यदि किसी बच्चे में अवसाद या चिंता के लक्षण हैं, तो उसके दोस्तों में भी ये लक्षण विकसित होने की संभावना 9% अधिक है। इसका मतलब है कि अवसाद और चिंता संक्रामक हो सकती है, ठीक वैसे ही जैसे सर्दी या फ्लू।

 

 

अवसाद और चिंता के लक्षण

* उदास या निराश महसूस करना

* थकान और कम ऊर्जा

* भूख में परिवर्तन

* निद्रा संबंधी परेशानियां

* मुश्किल से ध्यान दे

* चिड़चिड़ापन या गुस्सा

* आत्महत्या के विचार

 

अवसाद और चिंता के कारण

* आनुवंशिकी:  अवसाद और चिंता का पारिवारिक इतिहास इन विकारों के विकसित होने के जोखिम को बढ़ा सकता है।

* जीवन की घटनाएं:  तनावपूर्ण जीवन की घटनाएं, जैसे किसी प्रियजन की मृत्यु, नौकरी छूटना, या तलाक, अवसाद और चिंता को जन्म दे सकती हैं।

* व्यक्तिगत विशेषताएँ:  कुछ व्यक्तित्व लक्षण, जैसे नकारात्मक सोच या कम आत्मसम्मान, अवसाद और चिंता विकसित होने के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

* स्वास्थ्य स्थितियाँ:  कुछ स्वास्थ्य स्थितियाँ, जैसे हृदय रोग, मधुमेह या थायरॉयड की समस्याएँ, अवसाद और चिंता का कारण बन सकती हैं।

* दवाएं:  कुछ दवाएं, जैसे स्टेरॉयड या कुछ रक्तचाप की दवाएं, अवसाद और चिंता को बढ़ा सकती हैं।

 

डॉक्टर की सलाह

यदि आप अवसाद या चिंता के लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है। डॉक्टर आपके लक्षणों का मूल्यांकन करेंगे और उचित उपचार योजना निर्धारित करेंगे। समय पर पता लगाने और उपचार से अवसाद और चिंता के लक्षणों में सुधार हो सकता है और जीवन की गुणवत्ता बढ़ सकती है।