हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक सत्संग कार्यक्रम के बाद मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या 121 हो गई है, जिनमें 114 महिलाएं भी शामिल हैं. इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से एफआईआर दर्ज की गई है. हालांकि, शिकायत में सत्संग का आयोजन करने वाले नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का नाम नहीं है।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि कार्यक्रम के लिए 80 हजार लोगों को अनुमति दी गई थी जबकि कार्यक्रम स्थल पर 2.5 लाख लोग मौजूद थे, सत्संग करने वाले भोले बाबा अभी भी फरार हैं लेकिन उन्होंने एक बयान जारी कर दावा किया है कि भगदड़ मेरे जाने के बाद हुई इस पूरी घटना में किसी का हाथ नहीं है, इस भगदड़ को बाहरी लोगों ने अंजाम दिया है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घायलों से मुलाकात की, जिसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जो भी जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, अब पूरी घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. पुलिस शिकायत में पुलिस को क्लीन चिट दे दी गई है और दावा किया गया है कि सारी व्यवस्था पुलिस ने की थी. सिकंदर राऊ थाने में दर्ज एफआईआर में सत्संग का आयोजन करने वाले मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर और अन्य आयोजकों का नाम शामिल किया गया है. जिसमें भारतीय न्यायिक संहिता की धारा 105 (आपराधिक हत्या), 110 (हत्या का प्रयास) और सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया गया है.
एफआईआर के मुताबिक, कार्यक्रम के लिए 80,000 लोगों को इजाजत दी गई थी, जबकि 2.5 लाख से ज्यादा लोग जुटे थे. सत्संग के मुख्य वक्ता भोले बाबा कार्यक्रम समाप्त करने ही वाले थे कि तभी भगदड़ मच गई और दूसरी ओर मैदान पर हंगामा और भारी शोर के कारण भगदड़ मच गई. हालांकि, सत्संग करने वाले बाबा ने एक बयान जारी कर कुछ अज्ञात असामाजिक तत्वों पर इसका आरोप लगाया है. नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा ने जारी बयान में दावा किया कि वह कार्यक्रम पूरा करने के बाद वहां से चले गये जिसके बाद भगदड़ मच गयी, जिसके लिए असामाजिक तत्व जिम्मेदार हैं. जिनके खिलाफ कार्रवाई के लिए हमने मामला सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील को सौंप दिया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब घायलों से मुलाकात की, जिसके बाद उन्होंने कहा कि सेवादार लोगों के साथ धक्का-मुक्की कर रहे थे, जिसके कारण भगदड़ मच गई, सेवादारों ने पुलिस को कार्यक्रम स्थल में प्रवेश करने से रोकने की भी कोशिश की. हालांकि बाद में जब प्रशासन घायलों को अस्पताल ले जा रहा था तो सभी नौकर मौके से भाग गए. जो भी जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इस बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ भोले बाबा की एक पुरानी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. एसडीएम की जांच में यह भी पता चला है कि भोले बाबा के निजी सुरक्षाकर्मी ने उनके साथ लोगों को धक्का दिया था, जिसके कारण वह भाग गए।
वहीं दूसरी ओर, हाथरस धक्कामुक्की कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है और विशेषज्ञों का पैनल बनाकर पूरे मामले की जांच करने की मांग की गई है. यह अर्जी वकील विशाल तिवारी ने लगाई है. जिसमें पूरी घटना की रिपोर्ट सौंपनी है. यह भी मांग की गई है कि राज्य सरकार को आदेश दिया जाए. वहीं उत्तर प्रदेश के इलहाबाद हाई कोर्ट में वकील गौरव द्विवेदी द्वारा एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें पूरे मामले को सीबीआई को सौंपने की मांग की गई है. फिलहाल घायलों का इलाज चल रहा है और एसआईटी जांच कर रही है, हालांकि भोले बाबा फरार हैं और अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.