देश में मानसून सक्रिय, जून में 11 फीसदी कम बारिश और जुलाई में भारी बाढ़ का अनुमान

नई दिल्ली: जुलाई के पहले दिन से देशभर में मॉनसून सक्रिय हो गया है. इस बार देश में जून में मॉनसून में 11 फीसदी की कमी देखी गई है, लेकिन राहत की सांस लेने वाली बात ये है कि जुलाई में भारी बाढ़ का अनुमान है. विशेषज्ञों का कहना है कि ला नीना के कारण जुलाई, अगस्त और सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। 

मौसम विभाग के मुताबिक, देश में जून महीने में बारिश पिछले पांच साल में सबसे कम है. मौसम विभाग के मुताबिक जून में औसत बारिश 165.3 मिमी है. इसके मुकाबले इस वर्ष मात्र 147.3 मिमी बारिश रिकार्ड की गयी है. 2001 के बाद से कम वर्षा वाला यह सातवां महीना था। 

देश में 2024 में उत्तर पश्चिम भारत में 1901 के बाद पहली बार सबसे अधिक गर्मी पड़ी। इस क्षेत्र में जून महीने का औसत तापमान 38.2 डिग्री था, जो सामान्य से लगभग दो डिग्री अधिक है. जबकि जून में औसत न्यूनतम तापमान 25.44 डिग्री था, जो औसत से 1.35 डिग्री अधिक था. 

 गर्मियों के महीनों के दौरान 53.6 दिन लू का अनुभव हुआ, जो पिछले 15 वर्षों में सबसे अधिक है। जबकि जून में 18.1 दिन हीटवेव देखी गई, जो पिछले 15 सालों में सबसे ज्यादा है. 

मानसून की धीमी प्रगति के कारण उत्तर पश्चिम भारत को भी जून के दौरान 33 प्रतिशत वर्षा का सामना करना पड़ा। 

हालांकि, भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक जुलाई में ला नीना के कारण औसत से ज्यादा बारिश होगी और अगस्त और सितंबर में भी ला नीना रहने की आशंका है।