दंतेवाड़ा, 1 जुलाई (हि.स.)। जिले में स्वच्छ भारत मिशन के समन्वयक देवेंद्र झाड़ी ने तत्कालीन जिला पंचायत के सीईओ आकाश छिकारा और लेखापाल के फर्जी हस्ताक्षर कर 78 लाख रुपये से अधिक राशि गबन कर लिया। यह मामला दो साल पहले का है और जिला पंचायत के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी, अब जब अधिकारियों के संज्ञान में मामला आया तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक देवेंद्र झाड़ी को बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं कोतवाली पुलिस ने धारा 420, 468, 471 के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है। आरोपित देवेंद्र झाड़ी फरार है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला पंचायत में कार्यालीन खाता क्रमांक 3575460495 से समूह मेसर्स गंगा वाटर स्व सहायता समूह, दंतेवाड़ा को 18 लाख 44 हजार 806 रुपए दिए गए। इसी तरह दूसरे चेक से इसी समूह को 59 लाख 77 हजार 285 रुपये दिए गए। जांच के बाद बताया गया कि इस चेक में तत्कालीन सीईओ आकाश छिकारा के फर्जी हस्ताक्षर और लेखापाल के हस्ताक्षर किए गए हैं। जिस मेसर्स गंगा वॉटर के खाते में पैसा जारी किया गया उसे जिला पंचायत के अधिकारी समूह बता रहे हैं। इस समूह के विषय में उनके पास कोई भी जानकारी नहीं है। सूत्र बताते हैं ढाई करोड़ रुपये से ज्यादा का फर्जी आहरण हुआ है। हालांकि इसकी अभी जांच की जा रही है, और भी खुलासे हो सकते हैं।
इस प्रकरण की जांच की गई तो चेकबुक, पासबुक, कैश बुक व अन्य दस्तावेज स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक देवेंद्र झाड़ी के पास थे। जांच के बाद झाड़ी को बर्खास्त कर दिया गया। मामले की गहराई से जांच हुई तो फर्जी हस्ताक्षर कर चेक से पैसा निकालने का मामला भी सामने आया। जिला पंचायत से जुड़े सूत्रों का कहना है कि डीएमएफ से भी स्वच्छ भारत मिशन का कार्यक्रम चलाया गया। बैंक में जमा राशि का ब्याज का पैसा है। खातों को खंगाला गया तो गंगा वॉटर एसएचजी दंतेवाड़ा के खाते में पैसा गया है, लेकिन सूमह को एनआरएलएम में पता किया गया तो वहां यह समूह रजिस्टर्ड ही नहीं है। इतना ही नहीं इस समूह से जुड़े कोई दस्तावेज भी स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक के कार्यालय में उपलब्ध नहीं मिल रहे है।
जिला पंचायत से जुड़े सूत्रों का कहना है कि फर्जी समूह की भी जांच की जा रही है। इस समूह के दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं। फिलहाल इतनी जानकारी मिली है कि देवेंद्र झाड़ी की पत्नी भी इस समूह की सदस्य है। पत्नी के बारे में यह भी बताया जाता है कि वह पहले फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आदिम जाति कल्याण विभाग में नौकरी करती थी, जब जांच हुई तो उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। पुलिस आरोपित देवेंद्र झाड़ी और फर्जी समूह की तलाश कर रही है, वहीं जिला पंचायत में जांच की जा रही है कि और कुछ गड़बड़ी तो नहीं की गई है। वैसे कहा यह जा रहा है कि इतनी बड़ी रकम का गबन केवल एक अधिकारी ने कर लिया हो ऐसा संभव नहीं है, जांच इस बात की भी होनी चाहिए कि इसमें और किसी अधिकारी-कर्मचारी की सहभागिता तो नहीं है।
दंतेवाड़ा जिला पंचायत के सीईओ कुमार विश्वरंजन ने कहा कि गंगा वॉटर समूह के खाते में फर्जी हस्ताक्षर कर राशि ट्रांसफर किया गया है। इस सबंध में तत्कालीन अधिकरियों से भी बात की गई है। उनका कहना है चेक पर उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किया है। उन्होंने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एक लिखित आवेदन थाने में प्रस्तुत कर एफआईआर दर्ज करवाई गई है।