अरुणाचल प्रदेश में बारिश और बाढ़ से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. अरुणाचल प्रदेश में लगातार बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ आ गई है और राज्य की सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं।
अरुणाचल प्रदेश में प्रकृति का कहर देखने को मिल रहा है. लगातार बारिश के बाद राज्य में कई जगहों पर भूस्खलन और बाढ़ की स्थिति है. जिससे जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। अधिकारियों के मुताबिक, राज्य की सभी प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इसमें पूर्वी कामेंग जिले के मुख्यालय सेप्पा में उफनती कामेंग नदी में कई घर बह गये. हालांकि, किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है.
6 से ज्यादा जिलों में रेड अलर्ट
वहीं मौसम विभाग ने चांगलांग, नामसाई, लोहित, लोअर दिबांग वैली, ईस्ट सियांग और लोअर सियांग जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। अगले दो दिनों में इन सभी जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. मौसम विभाग ने कहा कि मंगलवार को अंजॉ, पापुम पारे, तिराप, पूर्वी कामेंग, कुरुंग कुमे, लेपराडा, लोंगडिंग, पश्चिमी कामेंग और पश्चिमी सियांग में गरज और बिजली के साथ भारी बारिश होने की संभावना है। सरकारी आदेश के मुताबिक, मौसम की स्थिति को देखते हुए ईटानगर और आसपास के इलाकों के सभी स्कूल पांच दिनों के लिए बंद कर दिए गए हैं.
कुल 34 गांव बाढ़ से प्रभावित
राज्य के अधिकारियों ने कहा कि नामसाई और वाकरो में अब तक 34 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। जिसके बाद लोगों को सतर्क रहने और सभी एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय लोगों को भी नदियों या नदी तटों पर जाने से बचने की सलाह दी गई है। पूर्वी सियांग जिले में सियांग नदी, उसकी सहायक नदियों और अन्य बारहमासी नदियों का जल स्तर बढ़ रहा है। लगातार बारिश के कारण पासीघाट-यिंगकियोंग और पासीघाट-आलो राजमार्गों पर भूस्खलन हुआ, जिससे संचार बाधित हो गया।
अधिकारियों ने कहा कि पूर्वी सियांग के पासीघाट, रुक्सिन, मिरेम और बिलाट इलाकों और निचले सियांग जिले के कुछ हिस्सों में निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है। उन्होंने कहा कि मुर्कोंगसेलेक-पासीघाट रेलवे लाइन के निर्माण कार्य में भी मौसम बाधा डाल रहा है.