रामलला की पूजा-अर्चना के लिए अब 26 पुजारी अलग-अलग शिफ्ट में सेवा देंगे. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा गठित धार्मिक समिति ने 21 नए प्रशिक्षित पुजारियों को पूजा प्रणाली में शामिल करने का निर्णय लिया है।
राम मंदिर में श्रद्धालुओं के बाद अब पुजारियों के भी मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने यह फैसला लिया है. इसके साथ ही अब रामलला के पुजारियों को विशेष पोशाक में मंदिर आना होगा. मंदिर में प्रवेश से पहले पुजारी पीली चौबंदी, धोती और पगड़ी पहनेंगे.
राम मंदिर में पुजारियों की संख्या भी आज से बढ़ा दी गई है. रामलला की पूजा-अर्चना के लिए अब 26 पुजारी अलग-अलग शिफ्ट में सेवा देंगे. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा गठित धार्मिक समिति ने 21 नए प्रशिक्षित पुजारियों को पूजा प्रणाली में शामिल करने का निर्णय लिया है।
इसके लिए ट्रस्ट ने सभी पुजारियों के आईडी कार्ड भी जारी कर दिए हैं. जल्द ही छह माह के प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र के साथ नियुक्ति पत्र भी सौंप दिया जाएगा। हालांकि धार्मिक समिति की बैठक रविवार को होनी थी, लेकिन किसी कारणवश अब ये नियुक्ति पत्र 3 जुलाई या 5 जुलाई को बांटे जा सकते हैं.
रामलला के सहायक पुजारी अशोक उपाध्याय ने बताया कि ट्रस्ट ने राम मंदिर में आने वाले पुजारियों को एंड्रॉइड फोन लाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. उनके मुताबिक बात करने के लिए सिर्फ कीपैड वाले फोन ही लिए जा सकते हैं। पुजारी के लिए एक विशेष ड्रेस कोड भी तैयार किया जा रहा है, जिसमें चौबंदी, धोती और पगड़ी शामिल है। बताया कि अभी तक ट्रस्ट को कोई सूचना नहीं मिली है।
राम मंदिर में प्रशिक्षण के दौरान 11 प्रशिक्षुओं को रामलला पूजा प्रणाली में शामिल किया गया है। रामनवमी के दौरान रामलला की पूजा में शामिल 11 पुजारियों को पूजा विधि की पूरी जानकारी दी गई. जिसमें प्रतिदिन सुबह रामलला की मंगला आरती, श्रृंगार आरती और शयन आरती तक राम रक्षा स्तोत्र और पुरसोत्र के 16 मंत्रों का जाप किया जाता है।