CBSE Board Exam: अब साल में दो बार होगी CBSE बोर्ड परीक्षा, केंद्र से मिली मंजूरी, जानें क्या होगा पैटर्न

CBSE Board Exam: केंद्र सरकार ने कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की योजना को मंजूरी दे दी है। दरअसल, अब इस योजना के तहत परीक्षाएं पूरे सिलेबस पर आधारित होंगी और जनवरी और अप्रैल में आयोजित की जाएंगी। जानकारी के मुताबिक, नई योजना को सीबीएसई में 2025-26 सत्र से लागू करने की तैयारी है। इस नए पैटर्न की पहली बोर्ड परीक्षा जनवरी 2026 में और इसी सत्र की दूसरी परीक्षा अप्रैल 2026 में आयोजित की जाएगी।

छात्रों के लिए विकल्प:

दरअसल छात्रों को दोनों परीक्षाओं में शामिल होने का विकल्प दिया जाएगा। वे चाहें तो दोनों परीक्षाएं दे सकते हैं या अपनी सुविधा के अनुसार किसी एक परीक्षा में बैठ सकते हैं। वहीं जो छात्र दोनों परीक्षाएं देंगे, वे अपने बेहतर प्रदर्शन के परिणाम का उपयोग कर सकेंगे। शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन और फिजिकल मीटिंग में देशभर के 10,000 से अधिक स्कूल प्रिंसिपलों से सलाह ली है।

शिक्षा विभाग के सामने तीन विकल्प रखे गए:

पहला विकल्प: ‘उच्च शिक्षा की सेमेस्टर प्रणाली की तरह, प्रत्येक सेमेस्टर के अंत में सितंबर और मार्च में आधे पाठ्यक्रम की परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए।’

दूसरा विकल्प: ‘मार्च-अप्रैल में बोर्ड परीक्षाओं के बाद पूरक परीक्षा के बजाय जुलाई में पूर्ण बोर्ड परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए।’

तीसरा विकल्प: ‘ जिस तरह जेईई मेन्स की दो परीक्षाएं जनवरी और अप्रैल में होती हैं, उसी तरह पूरे पाठ्यक्रम की बोर्ड परीक्षाएं भी जनवरी और अप्रैल में होनी चाहिए।’

दरअसल, ज़्यादातर प्रिंसिपलों ने तीसरे विकल्प के पक्ष में अपना समर्थन जताया। सेमेस्टर सिस्टम को ज़्यादातर प्रिंसिपलों ने खारिज कर दिया, जबकि जुलाई में दूसरी परीक्षा के विकल्प को भी खारिज कर दिया गया क्योंकि इससे छात्रों को एक साल की बचत या उच्च शिक्षा में प्रवेश पाने में मदद नहीं मिलेगी। प्रिंसिपलों से लिखित में अपने विचार प्रस्तुत करने को कहा गया है।

2025-26 में पुराने पाठ्यक्रम पर होंगी परीक्षाएं:

नए पाठ्यक्रम पर आधारित कक्षा 10वीं और 12वीं की किताबें आने में 2 साल लगेंगे। ये किताबें सत्र 2026-27 में ही उपलब्ध होंगी। इसलिए 2025-26 की बोर्ड परीक्षाएं पुराने पाठ्यक्रम और किताबों पर ही आयोजित की जाएंगी। इससे छात्रों को नए पैटर्न से परिचित होने के लिए पर्याप्त समय मिल सकेगा।