नई दिल्ली। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की तरह ही दिल्ली-देहरादून ग्रीन फील्ड कॉरिडोर में भी एनसीआर में रहने वाले लोगों को टोल में राहत दी जाएगी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस संबंध में फैसला लिया है, जिसके तहत दिल्ली की सीमा के इलाकों में रहने वाले लोगों को बॉर्डर तक आने-जाने के लिए कोई टोल नहीं देना पड़ेगा।
दिल्ली-देहरादून 212 किलोमीटर लंबे ग्रीन फील्ड कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इसमें अक्षरधाम से लोनी बॉर्डर तक 18 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड बनाया गया है। यह शुरुआती हिस्सा है। एनएचएआई के अधिकारी के मुताबिक, इसमें वाहन चालकों से टोल नहीं लिया जाएगा, लेकिन इससे आगे जो भी वाहन चालक जाएगा, उससे अक्षरधाम से लेकर जहां तक वह जाएगा, टोल वसूला जाएगा। गौरतलब है कि यूपी बॉर्डर तक का ज्यादातर हिस्सा बनकर तैयार हो चुका है और संभावना है कि अगले महीने के अंत तक इसे खोल दिया जाएगा।
दिल्ली से बागपत ईपीए तक टोल दरें अधिक होने की संभावना है, क्योंकि यहां एक्सप्रेसवे का 90 प्रतिशत हिस्सा एलिवेटेड है। इससे दिल्ली बॉर्डर पर रहने वाले गाजियाबाद के लोगों को राहत मिलेगी। क्योंकि वे रोजाना दिल्ली आते-जाते हैं और अगर उन्हें टोल देना पड़ा तो यह बहुत भारी पड़ेगा। इसी तरह दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे में निजामुद्दीन से डासना तक जाने के लिए कोई टोल नहीं देना पड़ता है, लेकिन इससे आगे जाने वाले वाहन चालक को निजामुद्दीन से लेकर जहां तक वह जाता है, वहां तक टोल देना पड़ता है।
दिल्ली-देहरादून ग्रीन फील्ड कॉरिडोर पर एक नजर
दिल्ली देहरादून ग्रीन फील्ड कॉरिडोर 12 हजार करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है। 6 लेन का यह कॉरिडोर दिल्ली के अक्षरधाम से शुरू होकर शास्त्री पार्क, खजूरी खास, मंडोला बागपत, खेकड़ा में ईपीई इंटरचेंज, शामली, सहारनपुर होते हुए देहरादून तक जाएगा। इसका निर्माण चार हिस्सों में किया गया है। बागपत से सहारनपुर तक का निर्माण कार्य दो हिस्सों में और अक्षरधाम से ईपीई जंक्शन (खेकड़ा) तक का निर्माण कार्य दो हिस्सों में किया गया है।