हिमाचल किसी की नकल करने के बजाय अपनी कहानियों पर फिल्में बनाए : संजय मिश्रा

मंडी, 29 जून (हि.स.)। प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी छोटीकाशी मंडी में जारी प्रथम हिमाचल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल को लेकर मुंबई और देश के विभिन्न हिस्सों से आए अभिनेताओं, फिल्म निर्देशकों और निर्माताओं में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण हिमाचल प्रदेश में बाहर से लोग आकर पिल्मों का निर्माण कर रहे , लेकिन स्थानीय लोग आगे नहीं आ रहे हैं। जबकि स्थानीय लोगों को यहां की संस्कृति और विरासत की अच्छी समझ होने की वजह से बेहतर फिल्मों का निर्माण हो सकता है। इसी बात को लेकर हिमाचल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में आए अभिनेताओं, फिल्म निर्देशकों और मंडी से मायानगरी में जाकर अपनी पहचान बना चुके कलाकारों से बाचचीत की गई। उनकी ओर से इस मुद्दे पर हिमाचल के कलाकारों, फिल्म निर्माताओं को बेहतर सुझाव दिए गए।

कंगना के सांसद बनने से हिमाचली की फिल्म इंडस्ट्री को उम्मीद:संजय मिश्रा

मशहूर फिल्म अभिनेता एवं हिमाचली फिल्म ब्रीणा में सशक्त अभिनय कर छाप छोडऩे वाले संजय मिश्रा ने कहा कि फिल्म, साहित्य, चित्रकला और अन्य विधाओं में इन्बॉल्ब होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस तरह के फिल्म फैस्टिवलों के माध्यम से अच्छी फिल्मों को लोगों तक पहुंचाना मुख्य उद्देश्य रहता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल आना अच्छा लगता है ,वे देश भर में होने वाले फिल्म फेस्टिवलों में भाग लेते रहे हैं। लेकिन मंडी का माहौल तो बहुत ही अच्छा है। संजय मिश्रा ने कहा कि दुनिया भर के लोग हिमाचल में आकर फिल्में बनाते हैं । हिमाचलियों को भी अपनी फिल्में बनानी चाहिए। इसके लिए सरकार को भी मदद करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि अब तो फिल्म अभिनेत्री कंगना भी सांसद बन गई है। उनके राजनीति में आने से हिमाचल की फिल्म इंडस्ट्री को एक उम्मीद की किरण जगी है। उन्होंने कहा कि सरकार को जहां फिल्मों के लिए कुछ फंड की व्यवस्था करनी चाहिए। वहीं पर यहां की कहानियों पर फिल्में बनाओ तो सार्थक होगा।

अच्छी फिल्में कला-संस्कृति को जानने का माध्यम: राजेश जैश

फिल्म अभिनेता राजेश जैश का कहना है कि इस तरह के फिल्म फेस्टिवल में अच्छी-अच्छी फिल्में देखने का अवसर मिल्ता है। उन्होंने कहा कि अच्छी फिल्में कला-संस्कृति को जानने समझने का माध्यम होती है। फिल्मों के जरिए ही हम दूसरे समाज के लोगों की जिंदगी को समझ सकते हैं। यहां पर दूसरे समाज की गंभीर फिल्में दिखाई जा रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचलियों को दूसरों की नकल करने के बजाय अपने सब्जेक्ट को ही उठाना चाहिए। हिमाचल के पहाड़ और बर्फ यहां के खास गहने हैं, इन्हें सहेज कर रखेंगे तो पर्यटन भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि आवाजाही के लिए बेहतर सडक़ों का निर्माण और अन्य सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी तो यहां की फिल्म इंडस्ट्री आगे बढग़ी।

मंडी फिल्म फेस्टिवल एक सपने का साकार होना: नीरज सूद

मंडी में जन्में, पले बढ़े, अभिनय की बारिकियां सीखने के बाद मुंबई में एक जाना पहचाना नाम बनें नीरज सूद का कहना है कि मंडी में हिमाचल फिल्म फेस्टिवल का होना उनके लिए एक सपने का साकार होना है। उन्होंने कहा कि अपने शहर में अपने लोगों के बीच अपनी फिल्मों का प्रदर्शन करना रोमांचित करने वाला क्षण है। उन्होंने कहा कि मंडी शहर ने हमें बहुत कुछ दिया है , अब उसी शहर में अपनी फिल्में का प्रदर्शन करना गौरव की बात है।