जयपुर, 29 जून (हि.स.)। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि तीन जुलाई से राजस्थान विधानसभा का पहला बजट सत्र प्रारम्भ हो रहा है, किन्तु भाजपा की सरकार के छह माह के कार्यकाल का आकलन निराशा उत्पन्न करने वाला है। उन्होंने कहा कि अब तक के राजस्थान सरकार के कार्यकाल से परिलक्षित होता है कि राजस्थान सरकार के बजट में जनकल्याणकारी योजनाओं का अभाव रहने की सम्भावना है। अब तक सरकार केवल पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा में ही समय व्यतीत करती रही तथा योजनाओं का बंद करने, योजनाओं को सीमित करने, जांच कराने, जिलों को खत्म करने के बयान ही भाजपा सरकार के मंत्रियों द्वारा दिये जाते रहे हैं, कोई भी ऐसा कार्य जो जनहित में हो, छह माह में भाजपा की सरकार ने नहीं किया। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार के कार्य आपसी झगड़ों, इस्तीफों की घोषणा, दिल्ली सरकार की परिक्रमा करने तक सीमित रहे हैं।
डोटासरा ने कहा कि भाजपा की सरकार कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार द्वारा किये गये कार्यों को स्वयं का बताकर पीठ थपथपाने का कार्य कर रही है और बड़े-बड़े विज्ञापन देकर राजस्थान सरकार के राजस्व को हानि पहुंचा रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि गत् दो दिवस पहले झुन्झुनूं में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा जो पेंशन की राशि जारी की गई है उसके लिये राजस्थान की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने कानून बनाकर न्यूनतम पेंशन एक हजार रुपये देने और प्रतिवर्ष 15 प्रतिशत बढ़ोत्तरी इसमें होने का प्रावधान किया था। कानूनी रूप से सरकार को प्रतिवर्ष पेंशन राशि बढ़ाकर देना आवश्यक है, इसका श्रेय कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार को है लेकिन मुख्यमंत्री पेंशन बढ़ाकर देने का श्रेय लेने का असफल प्रयास कर रहे हैं और जनता को भ्रमित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान की भाजपा सरकार ने अब तक युवाओं के लिये एक भी भर्ती की विज्ञप्ति नहीं निकाली है, किन्तु पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा निकाली गई भर्तियां जिनकी परीक्षा और प्रक्रिया भी कांग्रेस सरकार ने ही सम्पन्न करवा दी थी, उन्हें नियुक्ति पत्र देकर वाहवाही लेना चाहते हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि राजस्थान सरकार की सोच के केन्द्र में युवाओं के लिये रोजगार उपलब्ध कराना है ही नहीं।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में बेरोजगार युवाओं को भत्ता देने का कानूनी प्रावधान है किन्तु राजस्थान की भाजपा सरकार ने युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देना प्रारम्भ नहीं किया, जबकि इस मद में 50 करोड़ उपलब्ध हैं। भाजपा ने चुनाव में किसानों को 12 हजार रुपये किसान सम्मान निधि देने का वादा किया था, इसके तहत् 6 हजार की राशि केन्द्र और 6 हजार की राशि राज्य सरकार को प्रदान करनी थी। सरकार ने केवल दो हजार रुपये सम्मान निधि बढ़ाकर देने की घोषणा की है, किन्तु यह राशि किसानों को कब मिलेगी, इसकी जानकारी नहीं दे रही है। राजस्थान में विधानसभा चुनावों में भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में गेंहू की खरीद पर एमएसपी पर बोनस देते हुये 2700 देने का वादा किया था, किन्तु राजस्थान में सरकार बनने के पश्चात् भाजपा की सरकार ने मात्र 150 रुपये का बोनस दिया और 2700 में खरीद का वादा नहीं निभाया। सरकार ने विवेकानन्द स्कूलों में भी प्री-प्राईमरी क्लॉस चालू करने की घोषणा की है जबकि इस मद के लिये केन्द्र से धन राशि तो पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के समय प्राप्त हुई थी तथा पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने अपने शासन में स्कूलों में प्री-प्राईमरी की कक्षा खोली थी तथा स्कूलों में समस्त निर्माण कार्य एवं जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्मित करवाया था, संसाधन उपलब्ध करवाये थे, इसलिये यह कार्य तो होना ही था, किन्तु भाजपा सरकार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा करवाये गये इन कार्यों का श्रेय खुद लेना चाहती है। वर्तमान सरकार का प्रदेश के विकास के लिये कोई वीजन नहीं है, ऐसा प्रतीत होता है कि केवल सरकार चलाने की रस्म अदायगी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री यमुना जल राजस्थान में लाने की बात बार-बार दोहरा रहे हैं किन्तु इसके लिए ना तो कोई कार्य प्रारम्भ हुआ अथवा सरकार ने पड़ौसी राज्य से क्या समझौता किया है, इसकी भी जानकारी प्रदेशवासियों को नहीं मिली। उन्होंने कहा कि राजस्थान में रीट पेपर के मुद्दे को भाजपा के समस्त नेता जोर-शोर से उठाते थे, जबकि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने पेपर लीक होने पर पुन: परीक्षा करवाकर अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी थी, किन्तु आज वही भाजपा के नेता नीट का पेपर लीक होने पर देशभर के 24 लाख छात्रों के भविष्य पर कुठाराघात होने के बावजूद चुप्पी लगाये हुये बैठें हैं, यह कृत्य उनके वास्तविक चरित्र को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में जनहित के मुद्दों पर राजस्थान की भाजपा सरकार से विपक्ष द्वारा जवाब मांगा जायेगा।