धमतरी : हत्या करने पर 101 व धोखाधड़ी में लगेगी अब 316 की धारा

धमतरी, 29 जून (हि.स.)। कलेक्टर नम्रता गांधी व एसपी आंजनेय वार्ष्णेय की उपस्थिति में 29 जून को पुलिस प्रशिक्षण केंद्र रूद्री में कार्यशाला आयोजित हुई। यहां एसपी आंजनेय वार्ष्णेय ने नए कानून के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब हत्या करने पर धारा 302 के स्थान पर 101 लगेगा और धोखाधड़ी करने पर धारा 420 के स्थान पर धारा 316 के तहत कार्रवाई व गिरफ्तारी कर जेल भेजा जाएगा। एक जुलाई 2024 से सभी थानों में नये कानून लागू होने पर उत्सव के रूप में मनाया जाएगा।

पुलिस प्रशिक्षण केंद्र कंपोजिट बिल्डिंग रूद्री में आयोजित कार्यशाला में देशभर में एक जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानून लागू होने जा रहे हैं। तीन नए आपराधिक कानूनों में पहला भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस)2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम(बीएसएस) 2023 को लेकर वरिष्ठ कार्यालय से प्राप्त निर्देशों के अनुक्रम में धमतरी पुलिस ने जनजागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से जिला स्तरीय महत्वपूर्ण कार्यशाला आयोजित कर यह जानकारी दी।

एसपी धमतरी ने रक्षित केन्द्र धमतरी में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने नये महिला सुरक्षा कानून पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि नये कानून में अब धारा 68, 69 के तहत् पहचान छिपाकर शादी करना या शादी का झूठा वादा कर यौन कृत्य करने को जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है। धारा 70 के तहत् सभी प्रकार के सामूहिक दुष्कर्म के लिये 20 वर्ष या आजीवन कारावास का प्रावधान है। धारा 89 के तहत् महिला की सहमति के बिना गर्भपात कराने पर आजीवन कारावास से दंडित किये जाने का प्रावधान है।कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को बताया कि एक जुलाई से लागू हो रही नई संहिताएं आधुनिक समय की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार की गई हैं, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में स्पष्टता और निष्पक्षता आती है। यह संहिता नागरिकों को सरकारी तंत्र के किसी भी दुरुपयोग से बचाने के लिए कानूनी संरक्षण प्रदान करती है।

नवीन कानून की आवश्यकता एवं अपरिहार्यता के संबंध में अपना व्याख्यान दिया। नवीन आपराधिक कानूनों में जोड़े गए नई धाराओं, पुराने कानून से हटाई गई धाराओं एवं आवश्यक परिवर्तनों की विस्तृत रूप से जानकारी दी गई।नए कानून हमारे देश की विधिक प्रणाली को आधुनिक, समसामयिक और प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इन संहिताओं के माध्यम से न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता, त्वरितता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सकती है। इनकी आवश्यकता और अपरिहार्यता स्पष्ट है, क्योंकि यह न केवल कानून के शासन को मजबूत बनाती हैं बल्कि समाज में न्याय, सुरक्षा और विकास को भी प्रोत्साहित करती हैं। कार्यशाला में एसपी वार्ष्णेय ने यह भी बताया कि नए कानूनों के माध्यम से नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और अपराधों की रोकथाम में महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं।

महिला सुरक्षा, बच्चों की सुरक्षा, लैंगिक समानता, हत्या का प्रयास, संगठित अपराध के संबंध में बारीकी से जानकारी देकर उनकी सजा के संबंध में बताया गया। कार्यक्रम को कलेक्टर धमतरी नम्रता गांधी ने संबोधित कर कहा कि नए कानून न्याय को सरल बनाएंगे। लोगों को कानूनी रूप से सशक्त बनाया जाएगा। कार्यशाला में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार नायक, डीएसपी भावेश साव,रक्षित निरीक्षक दीपक शर्मा सहित शहर के सभी बड़े प्रतिष्ठान के संचालक,चेम्बर आफ कामर्स, राईस मिलर्स संघ, मेडिकल एशोसिएशन, परिवहन संघ,सेलून संघ, शांति समिति के सदस्य, स्वयं सेवी संस्था, प्रबुद्धजन उपस्थित थे।