महिलाएं शादी से क्यों कर रही इनकार, जानिए ये 5 कारण!

शादी के बाद जिंदगी पूरी तरह बदल जाती है। इसे एक लड़की से बेहतर कोई नहीं समझ सकता। शादी लड़कियों के लिए कई जिम्मेदारियां और त्याग लेकर आती है। जिसके खिलाफ अब लड़कियों में जागरूकता और विरोध देखने को मिल रहा है।

एक समय था जब लड़कियां शादी के सपने लेकर बड़ी होती थीं। पूरी जिंदगी उन्हें ससुराल जाकर किसी की पत्नी और बहू बनने की ट्रेनिंग दी जाती थी। लेकिन अब समय बदल गया है। जहां कई लड़कियों के लिए शादी अब टू डू लिस्ट में शामिल नहीं है, वहीं कई लड़कियों के लिए शादी प्राथमिकता सूची में आखिरी पायदान पर है।  

 

लेकिन सवाल यह है कि समय के साथ ऐसा क्या बदल गया है जिससे शादी को लेकर लड़कियों की सोच इस हद तक बदल गई है? अगर आपके पास इसका जवाब नहीं है तो आइए हम आपको बताते हैं वो 5 कारण जिनकी वजह से लड़कियां शादी से दूर भागने लगी हैं-

 

1. आज की महिलाएँ पहले से कहीं ज़्यादा शिक्षित और आर्थिक रूप से स्वतंत्र हैं। वे अपने करियर में सफल हो रही हैं और अपने खर्चे खुद उठा रही हैं। जिसकी वजह से उन्हें एहसास हुआ है कि उन्हें ज़िंदगी जीने के लिए किसी पुरुष की ज़रूरत नहीं है। वे बिना किसी रोक-टोक के अपनी शर्तों पर अपनी ज़िंदगी जी सकती हैं।

2. परंपरागत रूप से शादी के बाद महिला की पहचान उसके पति और बच्चों से जुड़ जाती है। लेकिन अब महिलाएं अपनी पहचान खुद बनाना चाहती हैं और अपने सपनों को पूरा करना चाहती हैं। शादी को लेकर डर बना रहता है कि कहीं उनका व्यक्तिगत विकास न रुक जाए या समाज में उनकी पहचान सिर्फ पत्नी या मां तक ​​सीमित न रह जाए।

3. पहले अविवाहित रहना या देर से शादी करना सामाजिक बुराई माना जाता था, लेकिन अब समाज का नजरिया बदल रहा है। अब लोग समझ रहे हैं कि शादी करना ही जीवन का लक्ष्य नहीं है, बल्कि खुशहाल जीवन जीने के कई तरीके हो सकते हैं। 

4. कई महिलाओं को यह चिंता रहती है कि  शादी के बाद  घर के कामों के बढ़ते बोझ के कारण उन्हें अपने करियर या शौक को त्यागना पड़ सकता है। साथ ही, घरेलू हिंसा और दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयाँ भी शादी को लेकर उनके मन में असुरक्षा की भावना पैदा करती हैं।

5. अब यह माना जाने लगा है कि प्यार और जीवन भर साथ निभाने की प्रतिबद्धता के लिए शादी की कोई बाध्यता नहीं है। कई जोड़े लिव-इन रिलेशनशिप में खुशहाल जीवन जी रहे हैं। ऐसे रिश्तों में उन्हें आजादी के साथ-साथ जिम्मेदारी का भी अहसास होता है।