मोबाइल फोन यूजर्स के लिए एक बड़ी खबर है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) से जुड़े नियमों में जरूरी बदलाव किए हैं। ये बदलाव 1 जुलाई से प्रभावी होंगे और स्मार्टफोन यूजर्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लागू किए जा रहे हैं।
अब सिम कार्ड को आसानी से पोर्ट नहीं किया जा सकेगा, इसके लिए यूजर्स को इंतजार करना होगा। ट्राई ने नए नियम लागू करने की वजह यूजर्स की सुरक्षा और उनकी जानकारी को सुरक्षित रखना बताया है। नए नियमों के तहत मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की प्रक्रिया और सख्त हो जाएगी. पहले यूजर्स अपने मोबाइल नंबर को एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर आसानी से पोर्ट करा सकते थे लेकिन अब उन्हें इसके लिए ज्यादा समय खर्च करना पड़ता है। नए नियमों के तहत अगर कोई यूजर अपना सिम पोर्ट कराना चाहता है तो उसे पहले अपना आवेदन जमा करना होगा। तो उसे अपना बनाना होगा फिर कुछ समय इंतजार करना होगा। इस नई प्रक्रिया के चलते यूजर्स को अपनी पहचान और अन्य जानकारी को सही तरीके से सत्यापित करना होगा, ताकि उनकी जानकारी का दुरुपयोग न किया जा सके।
ये बदलाव इसलिए किए गए हैं क्योंकि हाल ही में धोखाधड़ी की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिसमें लोगों की जानकारी का दुरुपयोग उनके सिम कार्ड को पोर्ट करने के लिए किया गया था। नए नियमों के मुताबिक, यूजर्स को अपनी जानकारी वेरिफाई करने के लिए एक ओटीपी मिलेगा, जिसका इस्तेमाल वे पोर्टिंग प्रक्रिया के दौरान करेंगे। इस नए तरीके से यूजर्स को थोड़ी असुविधा हो सकती है, लेकिन उनकी सुरक्षा को देखते हुए ट्राई ने इसे लागू किया है। इस बदलाव से मोबाइल यूजर्स को अपने सिम कार्ड और निजी जानकारी की सुरक्षा को लेकर अधिक सावधान और सतर्क रहना होगा।