भोपाल, 27 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में नागरिकों को सस्ती व सुलभ परिवहन सेवाओं का लाभ दिया जाए। इसके लिए आवश्यक व्यवस्थाओं को शीघ्र पूर्ण किया जाएं। इसी तरह गुजरात की तर्ज पर चेक-पोस्ट व्यवस्था समय सीमा में लागू की जाएं। इस व्यवस्था में ट्रांसपोर्टर पूर्व में ही ई चेक-पोस्ट वेबसाइट पर अपने वाहन के संबंध में आवश्यक स्व-घोषणा कर निर्धारित फीस जमा कर सकता है। जॉच में दोषी पाए जाने पर दोगुनी फीस जमा करवाने का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार को मंत्रालय में परिवहन विभाग की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने व्यवस्था के लिए होमगार्ड सहित आवश्यक अमले तथा बजट की सहमति प्रदान की। बैठक में परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, परिवहन आयुक्त डी.पी. गुप्ता एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री के प्रमुख निर्देश
– प्रदेश में ई-व्हीकल व्यवस्था बढ़ाई जाएं।
– यात्री बसों के आने का समय निर्धारित हो। निर्धारित समय पर बसें आएं। व्यवस्था का सख्ती से पालन हो। इससे यात्री भी अवगत रहे।
– ओवरलोडिंग न होने दी जाएं।
– निर्धारित स्थान पर बस स्टेंड की व्यवस्था लागू हो। बसें अव्यवस्थित न खड़ी हो। घोषित स्थान पर स्टैंड बनाया जाए।
– बस स्टैंड तथा बस स्टॉप की आवश्यकता को देखते हुए नए बस स्टॉप अवश्य बनाए जाएं।
– विद्यार्थियों के लिए महाविद्यालय में लर्निंग लाइसेंस बनाने की सुविधा प्रदान की जाएं।
– ऑनलाइन सेवाओं को बढ़ाया जाएं।
– परिवहन विभाग विभिन्न जन सुविधाओं के लिए बेहतर प्रबंधन करें।
गुजरात की वाहन चेकिंग व्यवस्था एक नजर में
गुजरात में वर्ष 2019 से 17 चेक पोस्ट समाप्त किए गए। चेक पोस्ट के स्थान पर चेक पॉइंट के नाम से 58 चेक पॉइंट स्थल अधिसूचित किए गए। चेक पॉइंट पर अधिकारी आठ-आठ घंटे की ड्यूटी करते हैं। प्रत्येक चेक पॉइंट पर एक अधिकारी के साथ गार्ड एवं वाहन चालक भी रहते हैं। इस व्यवस्था के लिए प्रत्येक सातवें दिन 217 अधिकारियों की पदस्थता का कार्य होता है। राज्य को चार जोन में विभक्त कर व्यवस्था लागू की गई है। इस व्यवस्था से परिवहन विभाग की आय में भी वृद्धि हुई है। वाहन में बॉडी वार्न कैमरा, स्पीड गन, रडार गन व इंटरसेप्टर जैसे उपकरण इस व्यवस्था में लागू हैं। मोटर वाहन निरीक्षक सहायक मोटर वाहन निरीक्षक मिलाकर लगभग 850 पद स्वीकृत किए गए। मध्यप्रदेश के अधिकारी इस व्यवस्था का अध्ययन कर प्रदेश में व्यवस्था लागू करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस व्यवस्था के लिए आवश्यक होमगार्ड की व्यवस्था भी की जाए। मध्य प्रदेश बेहतर व्यवस्था लागू करने की पहल करें। इसका लाभ आमजन को भी मिलेगा और शासन की आय में भी वृद्धि होगी।