इंडिया अलायंस: इंडिया द्वारा मत विभाजन की मांग न करने के मुद्दे पर अब राजनीति भी गरमा गई है. नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन ने दावा किया है कि विपक्ष को पता था कि उसके पास संख्या बल नहीं है. अगर वह मत विभाजन की मांग करेंगे तो उनके अंदर की गांठें भी उजागर हो जाएंगी.
उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष के फ्लोर मैनेजमेंट में खामियां एक दिन पहले ही नजर आ गई थीं, जब टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी का बयान सामने आया था. जयराम रमेश ने कहा कि उन्होंने मत विभाजन के लिए नहीं कहा था जबकि अभिषेक बनर्जी ने कहा कि उन्होंने मत विभाजन के लिए कहा था.
टीएमसी, आप जैसी पार्टियां कांग्रेस को चुनौती देंगी
राजीव रंजन ने कहा कि गठबंधन (INDIA) के अंदर की गांठें अब बाहर आने लगी हैं लेकिन अगर यही सिलसिला जारी रहा तो टीएमसी और आम आदमी पार्टी जैसी पार्टियां भविष्य में इसके लिए बड़ी चुनौती पेश करेंगी.
के.सुरेश के नाम पर टीएमसी ने बनाई दूरी
स्पीकर पद के लिए भारत के मुख्य घटक दल कांग्रेस, एसपी, डीएमके, शिव सेना (यूबीटी) और एनसीपीए के. सुरेश का नाम प्रस्तावित किया गया था लेकिन टीएमसी ने इससे दूरी बनाए रखी. एनडीए की ओर से पीएम मोदी ने ओम बिड़ला के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे प्रोटेम स्पीकर ने ध्वनि मत से पारित कर दिया.
टीएमसी ने क्या कहा?
टीएमसी की शिकायत थी कि के.सुरेश के नाम को लेकर उनसे सलाह नहीं ली गई. कांग्रेस ने समझाने की कोशिश की लेकिन शायद ऐसा नहीं हुआ.
जयराम रमेश और अभिषेक बनर्जी ने क्या कहा?
एक तरफ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि स्पीकर पद के लिए भारत के. सुरेश का नाम प्रस्तावित कर लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया गया है. भारत मत विभाजन के लिए दबाव डाल सकता था लेकिन हमने ऐसा नहीं किया।
टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि कई सांसदों ने वोटिंग की मांग की थी लेकिन प्रोटेम स्पीकर ने वोट डिविजन की इजाजत नहीं दी, क्योंकि उनके पास चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं थी.