नोबेल पुरस्कार विजेता का बड़ा बयान, कहा- चुनाव नतीजों से पता चला कि भारत हिंदू राष्ट्र नहीं

लोकसभा चुनाव हुए और नतीजे कई मायनों में चौंकाने वाले थे. अब नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मौजूदा लोकसभा चुनाव के नतीजे इस बात की ओर इशारा करते हैं कि भारत वास्तव में ‘हिंदू राष्ट्र’ नहीं है. यहां बता दें कि सेन गिनती के घंटों से पहले अमेरिका से कोलकाता पहुंच गए हैं. उन्होंने बिना मुकदमा चलाए लोगों को जेल में डालने की कथित प्रवृत्ति पर भी नाराजगी जताई. 

नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक बांग्लादेशी समाचार चैनल से बात करते हुए अमर्त्य सेन ने कहा कि भारत एक हिंदू राष्ट्र नहीं है, जैसा कि चुनाव परिणाम स्पष्ट करते हैं। उन्होंने कहा कि हम हमेशा चुनाव के बाद बदलाव की उम्मीद करते हैं. पहले जो हुआ (भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के दौरान), लोगों को बिना किसी मामले के जेल में डालने और अमीर और गरीब के बीच की खाई को बढ़ाने का तरीका अभी भी जारी है। उन्होंने कहा कि यह रुकना चाहिए. 

जाने-माने अर्थशास्त्री अर्मत्य सेन ने कहा कि पिछली कैबिनेट की तरह नई कैबिनेट में
भी राजनीतिक खुलेपन की जरूरत है। विशेषकर तब जब भारत एक धर्मनिरपेक्ष संविधान वाला एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। 90 वर्षीय सेन ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ में बदलने का विचार सही है।” उन्होंने यह भी कहा कि नया केंद्रीय मंत्रिमंडल पहले जैसा ही है. उन्होंने कहा कि मंत्रियों के पास पहले की तरह ही विभाग हैं. राजनीतिक रूप से ताकतवर लोग छोटे-मोटे बदलावों के बावजूद अब भी ताकतवर हैं. 

जब मैं बच्चा था…
सेन ने यह भी याद किया कि उनके बचपन के दौरान जब भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था, लोगों को बिना किसी मामले के जेल में डाल दिया जाता था। नोबेल पुरस्कार विजेता ने कहा, “जब मैं छोटा था, मेरे कई चाचाओं और चचेरे भाइयों को बिना मुकदमा चलाए जेल में डाल दिया गया था।” हमें उम्मीद थी कि भारत इससे मुक्त हो जायेगा. इसमें कांग्रेस भी दोषी है कि वह नहीं रुकी. उन्होंने इसे नहीं बदला…लेकिन मौजूदा सरकार में ऐसा ज्यादा हो रहा है.’ 

अयोध्या राम मंदिर पर क्या कहा?
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बावजूद भाजपा फैजाबाद लोकसभा सीट हार गई, जिसे सेन ने देश की वास्तविक पहचान को छिपाने का प्रयास बताया। इतना पैसा खर्च करके राम मंदिर बनाना… भारत को एक हिंदू राष्ट्र के रूप में चित्रित करना, जो कि महात्मा गांधी, रवींद्रनाथ टैगोर और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के देश में नहीं होना चाहिए था। यह भारत की वास्तविक पहचान को नजरअंदाज करने का प्रयास दर्शाता है और इसे बदला जाना चाहिए। सेन ने यह भी कहा कि भारत में बेरोजगारी बढ़ रही है और प्राथमिक शिक्षा और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल जैसे क्षेत्रों की उपेक्षा की जा रही है। (पीटीआई इनपुट)