देहरादून, 26 जून (हि.स.)। पर्यावरण प्रेमियों के भारी विरोध के चलते पेयजल परियोजना के लिए खलंगा रिजर्व फॉरेस्ट के पेड़ नहीं काटने का निर्णय लिया गया है। पेयजल निगम ने इस स्थान को छोड़ दिया है। इसकी जगह मालदेवता के निकट कनार काटन गांव में भूमि चिन्हित की है।
पिछले दिनों सौंग बांध की पेयजल परियोजना के लिए खलंगा रिजर्व फॉरेस्ट में पेड़ों पर निशान लगाने के बाद पर्यावरण प्रेमी विरोध में उतर आए थे। यहां करीब 2000 पेड़ काटे जाने थे। भारी विरोध के बीच पेयजल निगम ने इस जमीन पर अपना दावा छोड़ दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद अब पेयजल निगम ने देहरादून में कनार काटन गांव के जगह को चिन्हित किया है। बताया गया है कि क्षेत्र में वन भूमि का हस्तांतरण जल्द किया जाएगा। लगभग 3000 करोड़ की सौंग बांध परियोजना में 524 करोड़ की पेयजल परियोजना बनेगी। इसके लिए सौंग बांध के नजदीक ऊंचाई वाले स्थान पर रिजर्व वेयर बनाया जाएगा। पेयजल निगम को सात हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। इसमें 4.2 हेक्टेयर भूमि पर 150 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा। कनार गांव से राजधानी के 60 वार्डों में पेयजल की आपूर्ति की जाएगी।
पेयजल निगम के अधिशासी अभियंता दीपक नौटियाल ने बताया कि जल्द वन विभाग के साथ मिलकर इस स्थान का सर्वे किया जाएगा। अब इसी हिसाब से डीपीआर बनेगी, जिससे पेयजल परियोजना तैयार की जाएगी।
प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड धनंजय मोहन ने कहा कि जल्द संयुक्त स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा। उसके बाद पूरी स्थिति साफ हो पाएगी।