श्रीनगर, 26 जून (हि.स.)। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) की एनएसएस इकाई ने बुधवार को ‘नशा मुक्त भारत’ अभियान के तहत नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ एक मेगा रैली और शपथ का आयोजन किया जिसमें छात्रों, शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों ने भाग लिया।
नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस हर साल 26 जून को मनाया जाता है। इस साल इसका विषय साक्ष्य स्पष्ट है-रोकथाम में निवेश करें था। वार्षिक अभियान का उद्देश्य नशीली दवाओं के उपयोग के परिणामों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है जिसमें शारीरिक और मनोवैज्ञानिक नुकसान, ओवरडोज से मौतें और सामाजिक समस्याएं शामिल हैं।
नशा मुक्त भारत अभियान भारत सरकार की एक पहल है जो नशीली दवाओं के खतरे के खिलाफ भारत की लड़ाई को दोहराती है। कार्यक्रम का आयोजन एनएसएस समन्वयक डॉ. जितेंद्र गुर्जर की देखरेख में किया गया। मुख्य संकाय ब्लॉक में सुबह 9.30 बजे धूम्रपान विरोधी शपथ समारोह आयोजित किया गया जिसे संकाय सदस्यों द्वारा हिंदी और अंग्रेजी दोनों में संचालित किया गया।
इस अवसर पर उपस्थित लोगों में प्रोफेसर एम.ए. शाह, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. प्रमोद यादव, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. अब्दुल्ला अहमद, डॉ. फरहाद इलाही बख्श, डॉ. मोहम्मद जुबैर अंसारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। शपथ समारोह के बाद छात्रों ने फाउंटेन पार्क से एक विशाल रैली निकाली जिसका समापन निदेशक कार्यालय में जागरूकता रैली के रूप में हुआ।
प्रतिभागियों ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ शक्तिशाली संदेशों वाले बैनर और तख्तियां ले रखी थीं जो मादक द्रव्यों के सेवन के गंभीर परिणामों और स्वस्थ जीवन शैली चुनने के महत्व पर ध्यान आकर्षित करती थीं। एनएसएस समन्वयक डॉ. जितेंद्र गुर्जर ने कहा कि जागरूकता, परामर्श और स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देकर संयम और समग्र विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
उन्होंने एनआईटी श्रीनगर के निदेशक प्रो. ए. रविन्द्र नाथ, संस्थान के रजिस्ट्रार प्रो. अतीकुर रहमान और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने परिसर में एनएसएस इकाई को निरंतर सहयोग दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निपटने के लिए शिक्षा, सामुदायिक समर्थन और मजबूत निवारक उपायों सहित बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है।