जोधपुर, 26 जून (हि.स.)। आर्य वीर दल का आत्मरक्षार्थ चरित्र निर्माण शिविर का आयोजन आर्य समाज आर्य वीर दल अर्जुन शाखा पाबूपुरा में आयोजित किया गया।
आर्य प्रतिनिधि सभा राजस्थान के उप प्रधान नारायण सिंह आर्य ने आर्य वीरों को सम्बोधित करते हुए कहा कि राष्ट्र का उत्थान कुरीतियों व पाखंड का त्याग करने से होगा। जातिवाद धर्म की एकता की सबसे बड़ी बाधक रही है इसीलिए महर्षि दयानन्द सरस्वती ने जातिवाद, छूआछूत का विरोध किया और धर्म के सभी वर्गो को सामान शिक्षा, यज्ञ-जनेऊ पहनने का अधिकार दिलाने के लिए आंदोलन किए। आर्य वीर दल जोधपुर के अध्यक्ष हरिसिंह आर्य ने कहा कि आर्य वीरों को नियमित आर्य वीर दल की शाखा में आना चाहिए। उन्हें साप्ताहिक यज्ञ और सत्संग का हिस्सा बनना चाहिए और सभी को महर्षि दयानन्द का क्रांतिकारी अमर ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश का स्वाध्याय जरूर करना चाहिए।
आर्य वीर दल राजस्थान के अधिष्ठाता संचालक व शिविर सयोजक भंवरलाल लाल आर्य ने बताया कि आर्य समाज आर्य वीर दल अर्जुन शाखा पाबुपूरा में आर्य वीरों व वीरांगनाओ का दस दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया जिसमेें आर्य वीरों व वीरांगनाओं को नियमित लाठी कला, तलवार बाजी, बॉक्सिंग, ताई क्वांडो, आसान प्राणायाम, जिम्नास्टिक का प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही बौद्धिक विकास के लिए भावार्थ सहित वेद मन्त्रोचारण वैदिक संस्कृति से रूबरू कराया गया। इसके अलावा मौखिक वैदिक प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया, जिसमें प्रत्येक विजेता को पारितोषक दिया गया। आर्य वीर दल राजस्थान के अध्यक्ष चांदमल आर्य ने मुख्य व्यायाम शिक्षक आर्य वीर दल जोधपुर के संचालक उम्मेद सिंह आर्य और सयोजक डॉ. लक्षमन सिंह आर्य तथा सहयोगी शिक्षक राजेश देवड़ा और देव आर्य को ओउम पट्ट पहनाकर सत्यार्थ प्रकाश भेंट कर सम्मानित किया।