जींद, 25 जून (हि.स.)। गांव खेड़ी मंसानिया को अवैध कब्जों से मुक्त बनाने के लिए 2016 से पूर्व सरपंच प्रतिनिधि एवं अजमेर वकील लगे हुए है। करीब आठ साल से वो निरंतर अवैध कब्जों को हटाने के लिए शासन, प्रशासन को गुहार लगा चुके हैं, लेकिन इस पर कोई संज्ञान नहीं हो रहा है। एडवोकेट अजमेर वकील ने एसडीएम गुलजार मलिक के माध्यम से राज्यपाल, सीएम हरियाणा के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से मांग की कि गांव में जो अवैध कब्जे गलियों, फिरनियों में है उनको हटाने की मांग की गई है।
मंगलवार को अजमेर वकील ने बताया कि उनकी पत्नी संतोष देवी 2016 सरपंच बनी थी। सरपंच बनने के बाद पूरे गांव की निशानदेही ली गई थी। 12 पक्के अवैध कब्जे मिले थे जबकि कच्चे अवैध कब्जे भी थे। कच्चे अवैध कब्जे अपने स्तर पर पंचायत ने हटा दिए थे। 8 पक्के कब्जों को प्रशासन के सहयोग से हटा दिया गया था। जो चार अवैध कब्जे आज भी बाकी है उनको हटाने की मांग 2020 से निरंतर करते आ रहे है लेकिन कोई कार्यवाही प्रशासन नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को 14 अगस्त तक का समय चार अवैध पक्के कब्जे हटाने के लिए दिया गया है।
अवैध कब्जे हटाने की मांग पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से भी की थी। दुष्यंत चौटाला द्वारा इसको लेकर डीसी को भी निर्देश उस समय दिए थे लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई है। सीएम आफिस में भी वो कई बार शिकायत लिखित में दे चुके है। प्रशासन का जो रवैया है वो ढूलमूल है जिसके चलते ये अवैध कब्जे नहीं हट रहे है। प्रशासन द्वारा चार बार अवैध कब्जों को हटाने के लिए पुलिस मदद ली गई लेकिन आज तक अवैध कब्जे यूं के यूं कायम है।