टोल फ्री एक्सप्रेसवे: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर सफर करने का इंतजार कर रहे लोगों के लिए खुशखबरी है। अक्षरधाम से लोनी बॉर्डर तक इस एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स नहीं देना होगा। शुरुआती 18 किलोमीटर के हिस्से में टोल नहीं वसूला जाएगा, लेकिन उसके बाद यात्रा की दूरी के हिसाब से टोल देना होगा। इस एक्सप्रेसवे का सीधा फायदा दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को होगा। इसके खुलने के बाद पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में ट्रैफिक जाम से राहत मिल सकती है।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने टोल वसूली से जुड़े नियम तय कर दिए हैं। अथॉरिटी से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि अब टोल टैक्स की दरों को लेकर जल्द ही फैसला लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि दिल्ली से बागपत (खेकड़ा) के बीच टोल की दरें औसत से ज्यादा रहने की संभावना है, क्योंकि यहां एक्सप्रेसवे का 90 फीसदी हिस्सा एलिवेटेड है, जिस पर काफी खर्च आता है। आम तौर पर एनएचएआई 2.75 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से टोल वसूलता है, लेकिन यहां टोल की दरें उससे ज्यादा हो सकती हैं।
अगले महीने अक्षरधाम से खेकड़ा तक यातायात शुरू होने की उम्मीद
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi Dehradun Expressway Opening Date) के अक्षरधाम से लेकर बागपत के खेकड़ा तक के बड़े हिस्से में लोड टेस्टिंग का काम शुरू कर दिया गया है। टेस्टिंग के बाद मंत्रालय से हरी झंडी मिलते ही एक्सप्रेसवे के इस हिस्से को यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। संभावना है कि 30 जुलाई से पहले यातायात शुरू कर दिया जाएगा। एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल पहले चरण के 32 किलोमीटर लंबे दो पैकेज ही यातायात के लिए खोले जाने हैं, लेकिन पूरे एक्सप्रेसवे के लिए टोल से जुड़े नियम तय कर दिए गए हैं।
210 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे को कॉरिडोर मानते हुए तय किया गया है कि एक ही एजेंसी टोल वसूलेगी। टोल प्लाजा की निगरानी के लिए प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट (पीआईयू) बागपत को नोडल एजेंसी बनाया गया है। बागपत पीआईयू के अंतर्गत मास्टर कंट्रोल रूम बनाया जाएगा, जो पूरे एक्सप्रेस-वे की निगरानी करेगा। एक्सप्रेस-वे पर दूरी के हिसाब से टोल वसूला जाएगा। दो मुख्य टोल प्लाजा बनाए जा रहे हैं, जिसमें दिल्ली बॉर्डर पार करने के बाद गाजियाबाद के लोनी में 14 लेन का टोल प्लाजा बनाया गया है, जबकि दूसरा देहरादून से पहले बनाया जा रहा है।
पूरे कॉरिडोर पर लोड परीक्षण किया जा रहा है
दिल्ली, गाजियाबाद और बागपत में बने एलिवेटेड कॉरिडोर पर लोडेड ट्रक खड़े किए जा रहे हैं। यह देखा जा रहा है कि जिस डिजाइन पर एलिवेटेड रोड बनाया गया है, उसके आधार पर यह लोड सहन कर पा रहा है या नहीं।
फास्टैग ब्लैक लिस्टेड हुआ तो देना होगा पूरा टोल
जिन वाहन चालकों का फास्टैग ब्लैक लिस्टेड है, उनके लिए एक्सप्रेसवे पर सफर करना महंगा पड़ सकता है। दिल्ली से देहरादून जाते समय अगर वे बीच में कहीं से प्रवेश करते हैं और फिर किसी दूसरे पॉइंट पर निकल जाते हैं, तो उन्हें पूरे एक्सप्रेसवे का टोल देना होगा। उदाहरण के लिए, अगर कोई फास्टैग ब्लैक लिस्टेड वाहन लेकर सहारनपुर से चढ़ता है और बागपत में उतरता है, तो उसे पूरे एक्सप्रेसवे का टोल देना होगा। इसके लिए NHAI हर एंट्री पॉइंट पर बोर्ड भी लगाएगा, ताकि वाहन चालकों को इसकी जानकारी मिल सके।
परियोजना नवंबर तक पूरी होने की संभावना
फिलहाल पहले चरण में दो पैकेज ही यातायात के लिए खोले जा रहे हैं, लेकिन नवंबर तक एक्सप्रेसवे के बाकी चरण भी तैयार हो जाएंगे। इसके बाद दिल्ली से देहरादून का सफर सवा दो घंटे में पूरा किया जा सकेगा।
पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में ट्रैफिक जाम से मिल सकती है राहत
दिल्ली से बागपत, लोनी, सहारनपुर और देहरादून जाने वाले लोग अक्षरधाम, विकास मार्ग, आईएसबीटी कश्मीरी गेट लिंक रोड और सिग्नेचर ब्रिज के रास्ते सीधे एक्सप्रेसवे पर आ-जा सकेंगे। इससे प्रतिदिन करीब एक से डेढ़ लाख वाहनों का दबाव कम होगा।