जम्मू, 25 जून (हि.स.)। भाजपा कश्मीर विस्थापित जिला ने आपातकाल दिवस के उपलक्ष्य में एक मार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें भारत के इतिहास के उस काले अध्याय को दर्शाया गया, जब नागरिक स्वतंत्रता को निलंबित कर दिया गया था और विपक्षी नेताओं को हिरासत में लिया गया था। यहां कहा गया कि 25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लागू किए गए आपातकाल में विपक्षी दलों के खिलाफ व्यापक अत्याचार, प्रेस और मीडिया पर सेंसरशिप और आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (मीसा) के तहत बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां हुईं।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता अशोक बरारू उपस्थित थे। जिला महासचिव एच.के. राजदान, जिला उपाध्यक्ष राकेश साधु और अन्य उपस्थित रहे। इसी बीच जिला अध्यक्ष चांद जी भट्ट ने कांग्रेस शासन के दौरान आपातकाल की अवधि का विस्तृत विवरण दिया, जिसमें भारत के लोगों और विपक्षी नेताओं द्वारा सामना की गई गंभीर कठिनाइयों पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने नागरिक अधिकारों पर इस तरह के उल्लंघन को फिर से न होने देने के लिए इस अवधि को याद रखने के महत्व को रेखांकित किया। अशोक बरारू ने आपातकाल के दौरान अपने व्यक्तिगत अनुभव और दमनकारी शासन का विरोध करने में अपनी सक्रिय भूमिका को साझा किया। उन्होंने पंडित टीका लाल टपलू, शुभन पंडित और मदन लाल खुशबू सहित कश्मीर में प्रमुख कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का जिक्र किया।
पूर्व एमएलसी अजय भारती ने कहा कि कई विपक्षी नेताओं सहित लगभग 100,000 लोगों को हिरासत में लिया गया था। भारती ने कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि आपातकाल लगाने वालों को संविधान के प्रति प्रेम का दावा करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। हाल के चुनावों पर चर्चा करते हुए, भारती ने विस्थापित जिले के सभी कार्यकर्ताओं के समर्पण की प्रशंसा की, जिसमें युवा मोर्चा टीम के प्रयास भी शामिल थे।