गुमला, 25 जून हि.स.)। आधा दर्जन से अधिक बॉक्साइट खदानों में खनिज का परिवहन में लगें 1500 माइंस ट्रक सोमवार से हड़ताल पर चले गये। लिहाजा खदानों से बाक्साइट का परिवहन ठप हो गया। बॉक्साइट ट्रकों के परिचालन बंद करने का फैसला विभिन्न बॉक्साइट ट्रक ऑनर एसोसिएशन के द्वारा लिया गया। ऑनर एसोसिएशन के संरक्षक एवं पूर्व राज्य सभा सांसद धीरज प्रसाद साहू की अध्यक्षता में लोहरदगा में बैठक का आयोजन किया गया था और उसी बैठक में सभी ट्रक ऑनर एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं ट्रक मालिको ने अपनी अपनी ट्रकों को बॉक्साइट खदान नही भेजने का निर्णय लिया।
विगत कई महीनों से बॉक्साइट ट्रकों की स्थिति काफी दयनीय है। 15 दिनों के निर्धारित फोर्टनाइट में ट्रकों की महज दो ट्रिप ही लोडिंग मिलती है। यदि 15 दिनों में दो ट्रिप बॉक्साइट ट्रक को मिले तो ऐसी स्थिति में ट्रक के चालक, सहचालक, ट्रकों के पेपर में आने वाली खर्च की भी भरपाई नहीं हो पा रही है। ऐसे में भला घाटे का सौदा करना कौन पसंद करेगा और अंततः ट्रकों का परिचालन बंद करना ही मालिको ने मुनासिब समझा। बता दें कि गुरदरी, अमतिपानी, न्यू अमतिपानी, कुजाम, सेरेंदाग, बीमारला, भैसबथान आदि सभी बॉक्साइट माइंस में चलने वाले ट्रक के पहिये थम गए।
खदान क्षेत्रो में निवास करने वाले लोगों की जिंदगी माइंस पर ही अत्यधिक निर्भर होती है और ऐसे में उनके समक्ष बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। इतना ही नही एक ट्रक में तीन से चार मजदूरों द्वारा ट्रकों में बॉक्साइट लोड करने का काम किया जाता है। ऐसे में 15 सौ ट्रकों के चालक, सहचालक एवं लोडिंग लेबर की संख्या मिलाकर 9 हजार परिवारों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। जबकि ट्रकों के पंकचर बनाने वाले, पार्ट्स दुकान एवं पेट्रोल पम्पों पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा।