देहरादून, 25 जून (हि.स.)। भाजपा ने मंगलवार को आपातकाल की त्रासदी को काला दिवस के रूप में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश भर में मनाया। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या की कोशिशों और उसे विफल करने वाले आंदोलनकारियों की स्मृतियों को सदैव याद रखना जरूरी है, ताकि संविधान की हत्या करने का भ्रम फैलाने वालों को आइने में अपना दागदार इतिहास भी नजर आए।
प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा कि हम विश्व का सबसे बड़ा और मजबूत लोकतंत्र का हिस्सा है। बावजूद इसके एक दौर आपातकाल का रहा, जब तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र और संवैधानिक अधिकारों को कुचलने का पाप किया। वर्तमान और आने वाली पीढ़ी को भी इस दौरान हुए अत्याचार और इस कुकृत्य के खिलाफ संघर्ष करने वालों को याद करना चाहिए। साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों के हाथ लोकतंत्र की हत्या से रंगे हों, वे लोकतंत्र बचाने का झूठा दावा करते फिर रहे हैं। संविधान खतरे में होने का भ्रम फैलाने वालों का असली चेहरा हर साल 25 जून को जनता के सामने आ जाता है।
वहीं प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने बताया कि सभी जिलों में इस संबंध में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसमें विचार गोष्ठी के माध्यम से आपातकाल के काले इतिहास की विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही मीसा बंदियों से संपर्क कर उन्हें सम्मानित कर उनके अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि 25 जून 1975 को कांग्रेस शासन ने आपातकाल लागू किया था। इस दौरान लोकतंत्र की हत्या, मानवाधिकारों का हनन एवं देशवासियों पर विभिन्न प्रकार के अत्याचार किए गए। यही वजह है कि देश के इतिहास में यह दिन काला दिवस के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा का मानना है कि देश में लोकतंत्र की मजबूती और अभिव्यक्ति की आजादी को कायम रखने के लिए आपातकाल के स्याह पन्नों को पलटने की जरूरत है ताकि वर्तमान के साथ नई पीढ़ी को भी इस दौरान हुई तानाशाही एवं ज्यादतियों का अहसास हो और भविष्य में इस तरह प्रयास करने की कोई जुर्रत न कर सके।