जयपुर, 25 जून (हि.स.)। केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने छह साल पहले तीस जून को रिटायर हुए भारतीय वन सेवा के अधिकारी को एक वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ नहीं देने पर सरकार को कहा है कि वह प्रकरण का एक माह में निस्तारण लक्ष्मण प्रसाद के मामले में दिए फैसले के तहत करे। अधिकरण ने कहा है कि इस संबंध में पेश याचिकाकर्ता का अभ्यावेदन तय किया जाए। अधिकरण ने ह आदेश ललित सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में कहा गया कि कि याचिकाकर्ता 30 जून, 2018 को कोटा से आईएफएस पद से रिटायर हुआ। वहीं उसे एक साल की सेवा अवधि 30 जून 17 से 30 जून 18 की एक वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ नहीं दिया गया। जबकि भारतीय वन सेवा पे नियम-2016 के नियम 8 के तहत वह वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ प्राप्त करने का अधिकारी है। इस संबंध में उसने राज्य सरकार के मुख्य सचिव, प्रमुख कार्मिक सचिव व केन्द्रीय वन व पर्यावरण मंत्रालय के सचिव को भी प्रतिवेदन देकर उसे एक वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ देने का आग्रह किया था। इसके बावजूद उसके प्रतिवेदन को अभी तक तय नहीं किया है और यह अब तक लंबित ही चल रहा है। इसलिए उसका प्रतिवेदन तय कराया जाए और उसे वेतन वृद्धि सहित अन्य सेवा परिलाभ दिलवाए जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने केन्द्र व राज्य सरकार को उसे पूर्व के निर्णयों के पालन में एक वार्षिक वेतन वृद्धि का मुद्दा तय करने को कहा है।