एमपी में अब मंत्रियों का इनकम टैक्स राज्य सरकार नहीं भरेगी. इसका भुगतान अब मंत्री करेंगे. सरकार ने 1972 के नियम को बदल दिया. मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव की कैबिनेट ने आज ये फैसला लिया है. बैठक में सीएम डाॅ. यादव ने यह सुझाव दिया जिस पर सभी ने सहमति जतायी. सरकार ने पिछले 5 साल में 3.24 करोड़ रुपये टैक्स जमा किया था.
शहरी विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सीएम ने बैठक में कहा कि मंत्रियों को मिलने वाले भत्ते पर लगने वाला आयकर राज्य सरकार देती है. इसमें सुधार होना चाहिए. इसके बाद सभी ने सीएम के प्रस्ताव पर सहमति जताई और संबंधित अधिनियम को खत्म कर मंत्रियों के भत्ते पर आयकर जमा करने के प्रावधान को खत्म करने को कहा. इसके बाद अब मंत्री जी खुद इनकम टैक्स भरेंगे.
मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि जेल सुधार में सुविधाएं कैसे बढ़ाई जाएं और कैदियों को रोजगार से कैसे जोड़ा जाए. सरकार जल्द ही इस दिशा में कानून लाएगी. कैबिनेट बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि केंद्रीय और राज्य अर्धसैनिक बलों और बलों की सेवा में शहीद होने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को सरकार द्वारा शहीद की पत्नी को वित्तीय सहायता दी जाएगी। सरकार ने फैसला किया है कि अब शहीद के माता-पिता को भी सहायता राशि का 50 फीसदी हिस्सा दिया जाएगा.
कैबिनेट ने कृषि से जुड़ी संस्थाओं और कृषि पास युवाओं को मृदा परीक्षण का अधिकार दे दिया है. सरकार ने तय किया है कि हर ब्लॉक में 45-45 टेस्ट के लिए हम भुगतान करेंगे. इससे परीक्षकों को आर्थिक लाभ भी मिलेगा। साथ ही किसानों को मिट्टी की सटीक रिपोर्ट भी मिलेगी। विजयवर्गीय ने कहा कि सीएसआर के माध्यम से सिर्फ 10 हेक्टेयर जमीन पर पौधे लगाने का प्रावधान है. इससे कई छोटे-मोटे रईस वंचित रह गये। अब इसकी सीमा हटा दी गई है. अब सीएसआर के माध्यम से एक या दो हेक्टेयर जमीन पर भी पौधारोपण किया जा सकता है।