बरगद के पेड़ को जल: सनातन धर्म में पेड़-पौधों को देवी-देवताओं से संबंधित माना जाता है। कहा जाता है कि अगर इनकी पूजा विधिपूर्वक की जाए तो शुभ फल की प्राप्ति होती है। ग्रहदोष से भी राहत मिल सकती है। इसके अलावा अगर आप अपने जीवन में किसी प्रकार की समस्या से जूझ रहे हैं तो उससे भी राहत पा सकते हैं।
आपको बता दें कि बरगद के पेड़ का संबंध बृहस्पति ग्रह से माना जाता है। जड़ का संबंध राहु ग्रह से तथा शाखाओं का संबंध केतु ग्रह से होता है। इतना ही नहीं बरगद के पेड़ की विधिवत पूजा करने से व्यक्ति के धन, समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही राहु और केतु के अशुभ प्रभाव से भी बचा जा सकता है। अब ऐसे में दिन के हिसाब से पेड़-पौधों को पानी देना शुभ माना जाता है. वहीं, कुछ पेड़-पौधों को रोजाना पानी देने की मनाही है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि किस दिन बरगद के पेड़ को जल देने से बचना चाहिए।
रविवार को बरगद के पेड़ को पानी देने से बचें
रविवार को बरगद के पेड़ को पानी देने से बचना चाहिए। इससे बीमारी से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही साथ व्यक्ति के जीवन में चल रही परेशानियां भी दूर हो सकती हैं।
बरगद के पेड़ की पूजा का महत्व
बरगद का पेड़, जिसे बरगद का पेड़ भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में अत्यधिक पूजनीय है। वट वृक्ष को त्रिमूर्ति यानि ब्रह्मा, विष्णु और शिव का प्रतीक माना जाता है। जड़ में ब्रह्मा, तने में विष्णु और शाखाओं में शिव का वास माना जाता है। बरगद के पेड़ को पवित्र माना जाता है और इसकी पूजा की जाती है। बरगद के पेड़ को अक्षय वृक्ष माना जाता है, यानी यह कभी नहीं मरता। वट वृक्ष की पूजा करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। आपको बता दें कि बरगद के पेड़ को ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए बरगद के पेड़ की विधिवत पूजा करना लाभकारी हो सकता है।
बरगद के पेड़ को किस दिन जल देना चाहिए?
गुरुवार के दिन बरगद के पेड़ को जल देने से लाभ हो सकता है। इससे ग्रह दोषों से मुक्ति मिल सकती है। स्वास्थ्य लाभ भी हो सकता है. इसलिए गुरुवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर विधि-विधान से जल अर्पित करना लाभकारी हो सकता है। इससे त्रिदेव की कृपा आप पर बनी रहती है।