मुख्य सचिव ने जाली प्रमाण-पत्रों के मामलों में कड़ी कार्रवाई के दिए निर्देश

देहरादून, 24 जून (हि.स.)। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जाली प्रमाण-पत्रों के मामलों में कड़ी कार्रवाई के निर्देश देते हुए कहा है कि जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र के पंजीकरण की प्रक्रिया अत्यन्त सरल बनाई जाए, ताकि आमजन को प्रमाण पत्र के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े। उन्होंने आम जनता से भी अपील की है कि जालसाजों से सचेत रहें और प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अपने क्षेत्र के रजिस्ट्रार से ही संपर्क करें।

सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य में चल रहे जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र के पंजीकरण कार्य की सभी संबंधित विभागों के साथ समीक्षा की। इस दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को हिदायत दी कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र केन्द्र सरकार व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे स्कूल में दाखिला लेने, विधवा पेंशन प्राप्त करने, जीवन बीमा की राशि प्राप्त करने आदि के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसे प्राप्त करने के लिए कभी कभी परिवार जालसाजों के झांसे में आकर मोटी धनराशि के बदले जाली प्रमाणपत्र प्राप्त कर लेते हैं। बाद में उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त पंजीकरण की अधिकारिक वेबसाइट से बहुत सी मिलती जुलती जाली वेबसाइट के मामले भी संज्ञान में आए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि पंजीकरण के फर्जी मामलों की रोकथाम और आम जनता के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को सरल एवं सुदृढ़ बनाने के लिए एक नया सुदृढ़ पोर्टल (dc.crsorgi.gov.in) लॉन्च कर दिया गया है। इसके माध्यम से परिवार का कोई भी सदस्य पोर्टल पर अपनी आईडी बनाकर परिवार में होने वाले जन्म या मृत्यु के प्रमाण पत्र के लिए घर बैठे ही आवेदन कर सकता है। इसके लिए उसे केवल एक ईमेल एवं एक मोबइल नंबर की आवश्यकता होगी। आवेदन पश्चात आवेदक किसी भी समय अपने आवेदन की स्थिती को भी देख सकता है। सम्बंधित रजिस्ट्रार की ओर से आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेजों से संतुष्ट होने पर आवेदन को स्वीकार कर लिया जाता है और डिजिटल प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है। जारी किये गए इस डिजिटल प्रमाण पत्र की एक प्रति आवेदक की ओर से दिए गए ईमेल आईडी पर भी तत्काल ही उपलब्ध हो जाती है, जिसे वह किसी भी समय डाउनलोड कर उसका उपयोग कर सकता है।

मुख्य सचिव की ओर से इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि चूंकि यह कार्य आम जनता के लिए ही है अतः जनता के बीच इसका उचित प्रचार-प्रसार आवश्यक है, जिसके लिए संबंधित विभाग को आवश्यक कार्य करने के निर्देश दिए गए।