गुवाहाटी, 24 जून (हि.स.)। राज्य के आवास एवं शहरी विकास आदि मामलों के मंत्री अशोक सिंघल ने आज जिला आयुक्त, गुवाहाटी नगर निगम, गुवाहाटी महानगर विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग आदि के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ गुवाहाटी के विभिन्न हिस्सों में कृत्रिम बाढ़ से प्रभावित इलाकों का दौरा किया। मंत्री ने आज रुक्मिणीगांव, डाउन टाउन, सरूमटरिया, ऑयल इंडिया पाइपलाइन, आयकर कार्यालय के पास के क्षेत्र, वशिष्ठ चारिआली में गुरुद्वारे के पास के क्षेत्र, दिसपुर लास्टगेट, गणेशगुड़ी गणेश मंदिर के सामने के क्षेत्र आदि का निरीक्षण किया। कुछ क्षेत्रों में लोगों द्वारा भरलू नदी को संकरा करके दीवारों, आवास, उपमार्गों आदि के निर्माण को देखा और अधिकारियों को ऐसे अवैध निर्माणों के खिलाफ उचित कदम उठाने का निर्देश दिया।
निरीक्षण के दौरान मौजूद पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री सिंघल ने कहा कि खानापाड़ा से जालुकबारी तक राष्ट्रीय राजमार्ग को छह लेन बनाने के बाद खानापाड़ा की तरफ से आने वाला अतिरिक्त पानी भरलू नदी में प्रवेश कर जाता है और भरलू के माध्यम से शहर के मध्य से होकर ब्रह्मपुत्र में बहता है। जिस कारण शहर के कुछ नये इलाके कृत्रिम बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। क्योंकि, यह नदी की सामान्य वहन क्षमता से अधिक है। उन्होंने कहा कि इस अतिरिक्त पानी के कारणों, स्रोतों की जांच करने और इसे वैकल्पिक मार्गों की ओर मोड़ने के लिए चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा कि जिला आयुक्त को परियोजना के अधीन वाहिनी नदी के साथ अतिक्रमित क्षेत्रों में बेदखली अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ मुक्त गुवाहाटी अभियान के परिणामस्वरूप शहर के कई बाढ़ संभावित क्षेत्रों को इस बार कृत्रिम बाढ़ की समस्या से मुक्त कराया गया है। इसके साथ ही कुछ नए क्षेत्र कृत्रिम बाढ़ की चपेट में पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्रों से कम से कम समय में पानी निकालने के लिए विभाग की ओर से आवश्यक उपाय किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि शहर के नागरिकों के एक वर्ग की अविवेकपूर्ण गतिविधियों के कारण, भरलू और वाहिनी नदियां और नालियों में कचरा, प्लास्टिक की बोतलें, पॉलीथिन आदि भर जाती हैं। मंत्री के साथ इस दौरान जीएमडीए के अध्यक्ष नारायण डेका, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनबामुथन एमपी, गुवाहाटी नगर निगम की आयुक्त मेघनिधि दहाल, कामरूप (मेट्रो) जिला आयुक्त सुमित सत्तावन और संबंधित विभागों के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
दूसरी ओर, मंत्री सिंघल ने क्षेत्र में कृत्रिम बाढ़ की जटिल समस्या को लेकर आज जनता भवन में रुक्मिणीगांव और गुवाहाटी क्षेत्र के लोगों के कुछ प्रतिनिधियों के साथ विशेष बैठक की।
उन्होंने क्षेत्र के स्थानीय लोगों की बातों को सुना और क्षेत्र में कृत्रिम बाढ़ के संभावित कारणों और समस्या के समाधान के संबंध में आवश्यक सुझाव लिए। समस्या की गंभीरता को समझते हुए, उन्होंने नगर निगम, जीएमडीए, लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, जिला प्रशासन और रुक्मिणीगांव के स्थानीय लोगों के प्रतिनिधियों के साथ एक समिति का गठन किया, ताकि क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति का स्थायी समाधान खोजने के तरीके खोजे जा सकें। गुवाहाटी नगर निगम के संयुक्त आयुक्त मृणाल बोरा की अध्यक्षता वाली समिति संयुक्त रूप से रुक्मिणीगांव के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण करेगी और बाढ़ की स्थिति में योगदान देने वाले सभी कारकों का पता लगाएगी। इसके अलावा, समिति रुक्मिणी गांव क्षेत्र में बाढ़ के जोखिम को दूर करने के लिए तत्काल और स्थायी दोनों समाधानों की सिफारिश करेगी। उन्होंने समिति को 10 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। आज की बैठक में आवास और शहरी मामलों के विभाग के सचिव पवित्र राम खाउंड के साथ ही विभाग के शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे।