नई दिल्ली, 24 जून (हि.स.)। ईडी ने दिल्ली हाई कोर्ट में लिखित दलीलें दाखिल करके दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट से मिली जमानत के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है। हाई कोर्ट ईडी की याचिका पर 21 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
ईडी ने कहा है कि ट्रायल कोर्ट का पूरा आदेश ही गलत है। ईडी के मुताबिक ट्रायल कोर्ट ने ईडी की दलीलों और साक्ष्यों पर बिल्कुल भी गौर नहीं किया और न ही कानून के मुताबिक फैसला दिया। ईडी ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ 2023 के बाद के जुटाए गए साक्ष्यों पर ध्यान नहीं किया औऱ फैसला कर दिया। ईडी ने कहा है कि उसने 13 आंगड़िया, गोवा के आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों के बयानों को अनदेखा करते हुए केजरीवाल को जमानत देने का आदेश दिया।
आज ही सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट की ओर से जमानत के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने के आदेश के खिलाफ केजरीवाल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि जमानत पर रोक की मांग पर हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा, जबकि जमानत पर रोक की मांग पर उसी समय आदेश पारित कर दिया जाता है।
राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 20 जून को अरविंद केजरीवाल को नियमित जमानत दी थी। केजरीवाल की जमानत का जब फैसला सुनाया जा रहा था तो ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने राऊज एवेन्यू कोर्ट से बेल बांड भरने के लिए 48 घंटे का वक्त देने की मांग की थी, ताकि वे इस आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दे सकें, लेकिन राऊज एवेन्यू कोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया था। इस पर ईडी ने ट्रायल कोर्ट से मिली जमानत के आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में 21 जून को चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने ईडी की याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने से पहले ही फैसला आने तक ट्रायल कोर्ट के जमानत आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।