“तानसेन समारोह” का शताब्दी वर्षः भव्य समारोह से पहले चलेगी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला

ग्वालियर, 24 जून (हि.स.)। शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश और दुनिया के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव “तानसेन समारोह” का इस साल शताब्दी वर्ष है। संगीतधानी ग्वालियर में सौवां तानसेन समारोह भव्यता के साथ आयोजित करने के लिये शहर में पूर्व से ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला चलाई जाएगी। इस सिलसिले में कलेक्टर रुचिका चौहान ने सोमवार को विभागीय अधिकारियों की बैठक ली और कलाकारों, कला रसिकों एवं शासकीय व अशासकीय संस्थाओं के सहयोग से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का कैलेण्डर तैयार करने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने कहा कि यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन) द्वारा संगीतधानी ग्वालियर को म्यूजिक सिटी घोषित किया गया है। इसलिए म्यूजिक सिटी की भावना के अनुरूप सांस्कृतिक कार्यक्रमों के कैलेण्डर को अंतिम रूप दें। साथ ही इसे तैयार करने में संगीत एवं कला के क्षेत्र में काम कर रहीं संस्थाओं, कलाकारों, कला मर्मज्ञों एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन से जुड़ी संस्थाओं की राय ली जाए। इसके लिए उन्होंने बैठक बुलाने के लिये भी कहा।

उन्होंने कहा कि तानसेन समारोह को भव्यता प्रदान करने के लिए सांस्कृतिक कैलेण्डर के आधार पर शहर में हर माह बैजाताल, महाराज बाड़ा स्थित टाउन हॉल, कलावीथिका इत्यादि स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित करें। इन कार्यक्रमों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए, जिससे कलारसिक इन कार्यक्रमों का आनंद उठा सकें। साथ ही सौवां तानसेन समारोह के प्रति शहर में सकारात्मक वातावरण बन सके और बड़ी संख्या में जिलेवासी इस आयोजन से जुड़ें।

उल्लेखनीय है कि म्यूजिक सिटी की भावना के अनुरूप ग्वालियर शहर को सजाया सँवारा जा रहा है। इस कड़ी में राजा मानसिंह तोमर तिराहा के समीप से गाँधी रोड़ पर भारतीय शास्त्रीय संगीत के वाद्य यंत्रों पर केन्द्रित आकर्षक गैलरी स्थापित की जा रही है। इसी तरह मुरैना रोड़ पर स्थित पुरानी छावनी तिराहे को संगीत सम्राट तानसेन की थीम पर तैयार किया गया है। बैजाताल पर हर हफ्ते सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन हो रहा है। साथ ही शहर में अन्य प्रमुख मार्गों की दीवारों को मनमोहक चित्रकला (पेंटिंग) से सजाया सँवारा जा रहा है।