गुरुग्राम, 22 जून (हि.स.)। औद्योगिक क्षेत्र दौलताबाद स्थित आग बुझाने के उपकरण (फायर बॉल) बनाने वाली फैक्ट्री में शुक्रवार-शनिवार की रात को बायलर फटने से ब्लास्ट हो गया। इस ब्लास्ट में वहां काम कर रहे कई कर्मचारियों के शरीर क्षत-विक्षत हो गए। इस हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई व कई घायल हो गए। राहत एवं बचाव टीमें घटना की सूचना मिलने के साथ ही मौके पर पहुंचीं। शनिवार दिनभर बचाव का काम जारी रहा।
दौलताबाद औद्योगिक क्षेत्र में प्लॉट नंबर-200 में टेक्नोक्रेट प्रोडक्टिव सोल्यूशन नाम से एक फैक्ट्री है। पिछले करीब एक साल से यह फैक्ट्री यहां पर है। बताया जा रहा है कि पहले तो इसमें कोई काम होता नजर नहीं आया, लेकिन पिछले एक माह से यहां काम हो रहा था। पिछले चार दिनों से फायर उपकरणों की बड़ी खेप यहां लायी जा रही थी। करीब 40 साल पुराने दौलताबाद औद्योगिक क्षेत्र में शुक्रवार की रात को करीब ढाई बजे अचानक ब्लास्ट हो गया। ब्लास्ट इतना भयंकर था कि जैसे आरडीएक्स फटा हो। करीब एक किलोमीटर तक सामान के टुकड़े हवा में उड़ते हुए जाकर गिरे। ब्लास्ट के साथ ही फैक्ट्री में आग लग गई। देखते ही देखते आग भी विकराल हो गई। फायर अधिकारी रमेश सैनी के अनुसार सिपाही संजय कुमार ने उन्हें पौने 3 बजे आग लगने की सूचना मिली थी। तुरंत प्रभाव से सेक्टर-29 फायर विभाग व भीम नगर से टीमें घटनास्थल पर पहुंची और आग बुझानी शुरू की। जिस फैक्ट्री में यह ब्लास्ट हुआ, वह आग बुझाने के उपकरण बनाती है।
जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन भी मौके पर पहुंचा। रात को एसडीआरएफ की टीमें बचाव के लिए मौके पर पहुंची। रात को मौके से पांच लोगों को गंभीर रूप से घायलावस्था में बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। मलबे में लोगों के शव दबे होने की आशंका के चलते एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, दमकल विभाग की टीमें मलबा हटाने में जुटी रही। तीन शव वहां से निकाले गए। राजेंद्रा पार्क पुलिस थाना में फैक्ट्री के मालिक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस के अनुसार इस घटना में तीन लोगों की दुखद मौत हुई है और 12 लोग घायल हुए हैं। मृतकों की पहचान जीएफओ रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में काम करने वाले कौशिक निवासी लक्ष्मण विहार गुरुग्राम, टेक्नोक्रेट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में काम करने वाले अरुण निवासी गांव गोविंदपुर जिला रायबरेली (उत्तर-प्रदेश) व इन कंपनियों में गार्ड की नौकरी करने वाले राम अवध निवासी आनंद पर्वत करोल बाग दिल्ली के रूप में हुई है।