देहरादून, 22 जून (हि.स.)। उत्तराखंड के वित्त मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल व सचिव वित्त दिलीप जावलकर ने आगामी केंद्रीय बजट के लिए राज्यों के सुझाव के संबंध में नई दिल्ली में शनिवार को आयोजित बैठक में प्रतिभाग किया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में भारत मंडपम में आयोजित बैठक में विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों सहित केंद्र एवं राज्य सरकार के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
उत्तराखंड के वित्त मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने आगामी बजट में उत्तराखंड की भौगोलिक एवं परिस्थितियों पर विचार करने का अनुरोध किया। वित्त मंत्री प्रेमचंद ने तीन बिंदुओं को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि पर्वतीय व सीमांत राज्य होने के दृष्टिगत सुदृढ़ कनेक्टिविटी एवं सुचारू आवागमन महत्वपूर्ण बिंदु है। ऑल वेदर रोड व ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना सहित राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं पर हो रहे कार्य उत्तराखंड के लिए संजीवनी का कार्य कर रहे हैं। उम्मीद है कि आगामी बजट में उत्तराखंड को नई केंद्रीय योजनाओं की सौगात मिलेगी। साथ ही उन्होंने आगामी बजट में ऋषिकेश-उत्तरकाशी तथा टनकपुर बागेश्वर रेल परियोजना के लिए आवश्यक प्रावधान करने का आग्रह किया।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड सहित कुछ दूसरे हिमालयी राज्यों को प्रतिवर्ष लैंड स्लाइड का सामना करना पड़ रहा है। क्रोनिक लैंड स्लाईड के ट्रीटमेंट के लिए राष्ट्रीय महत्व के शोध संस्थान की स्थापना उत्तराखंड के सीमांत व संवेदनशील जनपद चमोली, पिथौरागढ़ तथा चंपावत आदि में किए जाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि भू-जल स्तर में क्षरण एक ज्वलंत समस्या है। आबादी का बड़ा भाग तराई क्षेत्र में निवास करता है। यहां के वाटर टेबल को बचाने के लिए तथा भू-जलस्तर में क्षरण यथाशीघ्र रोकने के लिए गंभीर प्रयासों की आवश्यकता है। इस संबंध में राज्य की दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं यथा कुमायूं मंडल के हल्द्वानी एवं समीपवर्ती तराई के शहरों में सिंचाई व पेयजल आपूर्ति के लिए जमरानी बांध परियोजना एवं गढ़वाल मंडल में देहरादून व उप नगरीय क्षेत्र में पेयजल समस्या के निदान के लिए सौंग बांध परियोजना उल्लेखनीय है। केंद्र सरकार की ओर से जमरानी बांध परियोजना को पीएमकेएसवाई एआईवीपी योजना अंतर्गत आच्छादित किया जा चुका है। वहीं गढ़वाल मंडल में देहरादून व उप नगरीय क्षेत्र में पेयजल समस्या के निदान के लिए सौंग बांध परियोजना जो यद्यपि सिंचाई परियोजना नहीं है तथापि भू-जलस्तर को बनाए रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है कि वित्त पोषण के लिए विचार करने का अनुरोध किया।
वित्त मंत्री बोले- केंद्र की मदद से उत्तराखंड सरकार की विकास यात्रा को मिली गति
वित्त मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने एक ज्ञापन भी दिया। इसमें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना तथा जल जीवन मिशन योजना से ग्रेविटी स्कीमों की तुलना में पंपिंग स्कीमों पर अधिक निर्भरता के दृष्टिगत अतिरिक्त व्यय की ओर ध्यान आकर्षित किया तथा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अनुरूप ही जल जीवन मिशन योजना के अनुरक्षण के लिए भी केंद्रीय सहायता का अनुरोध किया। एसडीआरएफ योजना से अनाच्छादित आपदाओं-घटनाओं के लिए नई योजना प्रारंभ करने के लिए अथवा अनाच्छादित मदों जैसे हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइन, वनाग्नि आदि घटनाओं को एसडीआरएफ की गाइडलाइन से आच्छादित करने का अनुरोध किया। राज्य के दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में जल विद्युत परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने क लिए दो करोड़ प्रति मेगावाट की दर से आठ हजार करोड़ की विएबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) प्रदान करने के लिए आवश्यक प्रावधान आगामी बजट में करने का अनुरोध किया। वृद्धावस्था पेंशन के लिए केंद्रांश को 200 से बढ़ाकर 500 किए जाने, मानसखंड माला मिशन के अंतर्गत इंटरनल कनेक्टिीविटी सुदृढ़ करने, नेट फेज-2 परियोजना के शीघ्र क्रियान्वयन किए जाने एवं मनरेगा कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तराखंड सहित समस्त पर्वतीय राज्यों के लिए श्रम व सामग्री का अनुपात 60-40 के बजाय 50-50 किए जाने का अनुरोध किया। राज्य में प्रतिवर्ष करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुाओं के आने (फ्लोटिंग पोपुलेशन) के परिणाम स्वरूप साफ-सफाई एवं अवस्थापना सुविधाओं के अनुरक्षण के लिए आगामी बजट में यथोचित योजना के अंतर्गत सहानुभूति पूर्वक अनुदान देने के लिए विचार करने का अनुरोध किया।
वित्त मंत्री डॉ. प्रेमचंद ने बताया कि विभिन्न केंद्र पोषित योजनाओं व केंद्रीय अनुदानों से प्रदेश के सर्वांगीण विकास का पथ प्रशस्त हुआ है। केंद्र सरकार की मदद से उत्तराखंड सरकार की विकास यात्रा को गति मिली है।