देश में लागू हुआ पेपर लीक विरोधी कानून, उल्लंघन करने वालों को 3-5 साल की सजा, 1 करोड़ तक जुर्माना

नीट और यूजीसी-नेट परीक्षाओं के विवाद के बीच देश में पेपर लीक विरोधी कानून लागू हो गया है. केंद्र सरकार ने आधी रात को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी. इस कानून के तहत पेपर लीक करने या उत्तर पुस्तिका के साथ छेड़छाड़ करने पर कम से कम 3 साल की जेल होगी। इसे 10 लाख रुपये तक के जुर्माने के साथ 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है। वहीं, अगर कोई सरकारी अधिकारी परीक्षा संबंधी अनियमितताओं में शामिल पाया जाता है तो उसे कम से कम 3 साल की सजा होगी. इसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है. इसके अलावा 1 करोड़ का जुर्माना भी हो सकता है.

एंटी पेपर लीक एक्ट के तहत अगर परीक्षा केंद्र किसी कदाचार में संलिप्त पाया गया तो केंद्र को 4 साल के लिए निलंबित कर दिया जाएगा, यानी केंद्र को अगले 4 साल तक कोई भी सरकारी पेपर आयोजित करने का अधिकार नहीं होगा. .

इस साल फरवरी में लोकसभा और राज्यसभा में पेपर लीक विरोधी विधेयक पारित किया गया था। सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 2024 नामक इस कानून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), कर्मचारी चयन आयोग एसएससी, रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षा और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित सभी कंप्यूटर आधारित परीक्षाएं इस अधिनियम के दायरे में आएंगी।

 

नीट और यूजीसी-नेट जैसी परीक्षाओं में हो रही अनियमितताओं के बीच इस कानून को लाने का फैसला एक बड़ा कदम माना जा रहा है. इस कानून से पहले सरकार और जांच एजेंसियों के पास परीक्षा में कदाचार से जुड़े अपराधों से निपटने के लिए कोई अलग कानून नहीं था.