अमेरिका में भारतीय मूल के सर्जन जनरल डॉ. विवेक मूर्ति ने मांग की है कि सोशल मीडिया ऐप्स पर एक चेतावनी लेबल होना चाहिए कि ये प्लेटफॉर्म युवाओं, खासकर किशोरों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
डॉ। मूर्ति ने न्यूयॉर्क टाइम्स में लिखा कि चेतावनी लेबल न केवल सोशल मीडिया को युवा लोगों के लिए सुरक्षित बनाएगा, बल्कि यह जागरूकता बढ़ा सकता है और व्यवहार में बदलाव ला सकता है, जैसा कि तंबाकू अध्ययनों से पता चलता है। अमेरिकी कांग्रेस को ऐसे चेतावनी लेबल की आवश्यकता वाला कानून पारित करने की आवश्यकता होगी। डॉ। मूर्ति ने लंबे समय से चेतावनी दी है कि सोशल मीडिया युवाओं, विशेषकर किशोर लड़कियों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। डॉ। मूर्ति के अनुसार, जिस तरह 1960 के दशक में तंबाकू उत्पादों को स्वास्थ्य जोखिम के रूप में पहचाना गया था और सिगरेट के पैकेटों पर चेतावनी लेबल अनिवार्य किया गया था, उसी तरह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी एक बड़ा मानसिक स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकते हैं। जो किशोर प्रतिदिन तीन घंटे सोशल मीडिया पर बिताते हैं उनमें अवसाद का खतरा दोगुना हो जाता है।
डॉ। मूर्ति ने अपने लेख में कहा कि अब समय आ गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सर्जन जनरल के चेतावनी लेबल की आवश्यकता हो, जिसमें कहा गया हो कि सोशल मीडिया किशोरों के लिए महत्वपूर्ण मानसिक स्वास्थ्य हानि से जुड़ा है। सर्जन जनरल का चेतावनी लेबल नियमित रूप से माता-पिता और किशोरों को याद दिलाएगा कि सोशल मीडिया सुरक्षित साबित नहीं हुआ है। गौरतलब है कि कई अमेरिकी राज्य बच्चों को सोशल मीडिया के हानिकारक प्रभावों जैसे चिंता और अवसाद और इसके परिणामस्वरूप होने वाली अन्य मानसिक बीमारियों से बचाने के लिए कानून पारित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। न्यूयॉर्क राज्य के विधायकों ने माता-पिता की सहमति के बिना 18 वर्ष से कम उम्र के उपयोगकर्ताओं को नशे की लत एल्गोरिथम सामग्री प्रदान करने से सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध लगाने वाला एक कानून पारित किया।
सोशल मीडिया किशोरों के लिए क्या खतरे पैदा करता है?
कई स्वास्थ्य रिपोर्टों से पता चलता है कि सोशल मीडिया किशोरों में अवसाद, चिंता और अनिद्रा सहित मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हुआ है। सोशल मीडिया साइबरबुलिंग के लिए भी एक मंच हो सकता है और ऑनलाइन पीछा करना, उत्पीड़न सहित गंभीर सुरक्षा चिंताएं पैदा कर सकता है। उपयोगकर्ताओं को साइबर हमले, हैकिंग सहित दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों का खतरा है।