कपालभाति: स्वस्थ रहने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ और डॉक्टर योग, प्राणायाम और ध्यान की सलाह देते हैं। योग और प्राणायाम का अभ्यास विशेष रूप से उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है जो तनाव, चिंता और अवसाद से पीड़ित हैं। प्राणायाम करने से शरीर ऊर्जावान महसूस करता है और कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं दूर हो जाती हैं। इसके साथ ही कपालभाति का अभ्यास शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है और फेफड़ों को भी मजबूत बनाता है। इस लेख में, योसोम योग स्टूडियो, नोएडा के योग शिक्षक रजनीश शर्मा नियमित रूप से कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास करने के लाभों को साझा करते हैं, जिन्हें जानने के बाद आप भी कपालभाति का अभ्यास करना शुरू कर देंगे।
कपालभाति के फायदे
योग शिक्षक रजनीश शर्मा का कहना है कि कपालभाति के नियमित अभ्यास से समग्र स्वास्थ्य में सुधार सहित कई लाभ होते हैं। लेकिन गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप के रोगियों और सीने में दर्द से पीड़ित लोगों को विशेषज्ञ और डॉक्टर की सलाह के बिना कपालभाति का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
1). श्वसन तंत्र को मजबूत बनाना
कपालभाति प्राणायाम के नियमित अभ्यास से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है, जिससे श्वसन संबंधी समस्याएं कम हो जाती हैं। इसके अभ्यास से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और श्वसन तंत्र मजबूत होता है।
2). पाचन में सुधार
कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास पेट की मांसपेशियों को सक्रिय करता है, जिससे पाचन तंत्र अच्छे से काम करता है और कब्ज, अपच और गैस जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। कपालभाति के नियमित उपयोग से भोजन का पाचन ठीक से होता है, जिससे पेट की समस्याएं दूर होती हैं और वजन भी नियंत्रित रहता है।
3). तनाव कम करता है
कपालभाति का अभ्यास उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो तनाव और चिंता से पीड़ित हैं। इसका नियमित अभ्यास करने से मानसिक तनाव और चिंता कम होती है और मन शांत होता है। दरअसल, जब कोई कपालभाति प्राणायाम का नियमित अभ्यास करता है तो इससे मस्तिष्क में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है, जिससे मानसिक शांति का एहसास होता है।
4). रक्त परिसंचरण में सुधार
कपालभाति का अभ्यास करते समय व्यक्ति गहरी सांस लेता है, जिससे शरीर में रक्त परिसंचरण में सुधार होता है। शरीर में रक्त संचार अच्छा होने से सभी अंगों को पर्याप्त पोषण और ऑक्सीजन मिलता है।
5). त्वचा पर चमक
कपालभाति प्राणायाम के अभ्यास से त्वचा पर प्राकृतिक चमक बढ़ती है। दरअसल, कपालभाति के अभ्यास से शरीर में पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है, जिससे त्वचा में प्राकृतिक चमक आती है।
6). डिटॉक्स
कपालभाति प्राणायाम शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। कपालभाति के दौरान सांस लेने की प्रक्रिया के जरिए शरीर के आंतरिक अंगों की सफाई की जाती है। जिससे शरीर डिटॉक्स हो जाता है और विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं।
7). मधुमेह के प्रबंधन में सहायक
कपालभाति प्राणायाम का नियमित अभ्यास शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। कपालभाति प्राणायाम अग्न्याशय को उत्तेजित करता है, जो इंसुलिन के उत्पादन में मदद करता है।