हज के दौरान गर्मी से 68 भारतीयों की मौत, मक्का में पारा 50 डिग्री तक पहुंचा

सऊदी अरब के मक्का शहर में गर्मी का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. हज यात्रा के दौरान अत्यधिक गर्मी के कारण मरने वालों की संख्या 600 से अधिक हो गई है, जिनमें 68 भारतीय भी शामिल हैं। इन मौतों का कारण लू बताया जा रहा है. सभी लोगों की मृत्यु स्वाभाविक रूप से हुई। यानी इनमें से कोई भी हादसे का शिकार नहीं हुआ और किसी के शरीर पर चोट के निशान भी नहीं मिले.

मक्का के लोग गर्मी से मर गए

मक्का के लोग गर्मी से मर गए

सामने आए आंकड़ों के मुताबिक, मरने वालों में सबसे ज्यादा संख्या 323 मिस्रवासियों की है। सऊदी अरब के राजनयिकों द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि सभी मिस्रवासियों की मौत का कारण अत्यधिक गर्मी है। हालांकि, इनमें से सिर्फ एक शख्स ऐसा है जिसकी मौत भीड़ की चोट से हुई है. इसके साथ ही मृतकों में 60 जॉर्डन के नागरिक हैं. अरब राजनयिकों के मुताबिक मरने वालों की संख्या बढ़कर 577 हो गई है. इनमें से 570 शवों को मक्का के सबसे बड़े शवगृह में रखा गया है। आपको बता दें कि इस साल हज 14 जून को शुरू हुआ और 19 जून को खत्म हुआ. हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि हज पर जाने वाले यात्रियों की मौत का मामला सामने आया है. हज पर गए 90 भारतीयों की अब तक मौत हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक मरने वालों की संख्या 101 तक पहुंच गई थी.

आपको बता दें कि हज इस्लाम के 5 प्रमुख स्तंभों में से एक है। आर्थिक और शारीरिक रूप से सक्षम हर मुसलमान के लिए जीवन में एक बार हज करना अनिवार्य माना जाता है। जलवायु परिवर्तन के कारण हज यात्रा बुरी तरह प्रभावित हुई है. पिछले महीने प्रकाशित सऊदी अरब के एक अध्ययन में कहा गया था कि हज क्षेत्र में तापमान हर दशक में 0.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है। सऊदी मौसम विभाग ने कहा कि 17 जून को मक्का की ग्रैंड मस्जिद के पास तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया.