लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद महाराष्ट्र की सियासत एक बार फिर गरमा गई है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी और महागठबंधन दलों का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा है. खासकर एनसीपी के अजित पवार गुट के प्रदर्शन के बाद अटकलों का दौर जारी है. एनसीपी शरद पवार गुट के विधायक और शरद पवार के भतीजे रोहित पवार ने बड़ा दावा किया है. रोहित पवार ने कहा है कि सिर्फ छगन भुजबल ही नहीं बल्कि अजित गुट के भी कई विधायक उनका साथ छोड़ने वाले हैं.
बता दें कि अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल पार्टी से नाराज हैं. छगन भुजबल ने राज्यसभा नहीं भेजे जाने पर नाराजगी जताई है. इन तमाम चर्चाओं के बीच शरद पवार के विधायक रोहित पवार का ये बयान सामने आया है. अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को राज्यसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है.
मंत्री छगन भुजबल के पार्टी छोड़ने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया
पिछले कुछ दिनों से चर्चा चल रही है कि मंत्री छगन भुजबल पार्टी छोड़ देंगे. इस पर विधायक रोहित पवार ने सांकेतिक बयान दिया है. छगन भुजबल ने कहा कि मैं अजित पवार के साथ नहीं बल्कि एनसीपी के साथ हूं. छगन भुजबल एक अनुभवी नेता हैं और उन्होंने किसी को भांप लिया होगा, इसलिए उन्होंने यह बयान दिया होगा. सिर्फ छगन भुजबल ही नहीं बल्कि कई नेता और विधायक पार्टी छोड़ने वाले हैं.
बता दें कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी, अजित पवार और शिवसेना को महज 17 सीटें मिली थीं. इसमें बीजेपी को 9 सीटें मिली हैं, जबकि पिछले चुनाव में उसे 23 सीटें मिली थीं. जबकि महाविकास अघाड़ी की पार्टियों शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी को 48 में से 30 सीटें मिली हैं। इस चुनाव के बाद एनसीपी के अजित पवार और शिवसेना विधायकों पर ब्रेकिंग न्यूज आ रही है.
रोहित पवार ने किया ये बड़ा दावा
रोहित पवार ने दावा किया कि अजित पवार गुट के 18 से 19 विधायक उन लोगों के संपर्क में हैं. महाराष्ट्र विधानमंडल का मानसून सत्र 27 जून से 12 जुलाई तक चलेगा. इस सत्र के दौरान विधायक दल बदल सकते हैं. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. अक्टूबर में होने वाला मानसून सत्र विधानमंडल का आखिरी सत्र माना जा रहा है.
महागठबंधन में सभी नेता अपने बारे में सोच रहे हैं
इस बीच, शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि छगन भुजबल के बयान से ठाकरे समूह को फायदा हो रहा है और महागठबंधन में हलचल है. इस पर रोहित पवार ने कहा कि महागठबंधन में सभी नेता अपने बारे में सोच रहे हैं. जनता को इससे कोई लेना-देना नहीं है. लोकसभा चुनाव के बाद महागठबंधन के विधायकों को डर सताने लगा है. अब हमारा क्या होगा? रोहित पवार ने कहा कि हार का ठीकरा किस पर फोड़ा जा रहा है, कभी भुजबल साहब का नाम लिया जाता है तो कभी अजित पवार का नाम लिया जाता है.