बीजेपी समर्थित 7 विधायकों की बढ़ी टेंशन, सदस्यता छीनने की मांग करेगी दिग्गज पार्टी

समाजवादी पार्टी: समाजवादी पार्टी ने अपने 7 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र लिखकर बगावत करने वाले अपने 7 विधायकों की सदस्यता छीनने की मांग की है. इन विधायकों ने राज्यसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक पार्टी से बगावत कर भारतीय जनता पार्टी का समर्थन किया था. हालांकि, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव के दौरान कहा था कि जनता इसका हिसाब लेगी, लेकिन सपा अब इन विधायकों की सदस्यता रद्द करने पर जोर देने की तैयारी कर रही है. 

बागी विधायक

बगावत करने वाले समाजवादी पार्टी के विधायकों में राकेश प्रताप सिंह, मनोज पांडे, अभय सिंह, राकेश पांडे, विनोद चतुर्वेदी, पूजा पाल और आशुतोष मौर्य शामिल हैं। 

7 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर बीजेपी उम्मीदवारों का समर्थन किया

आपको बता दें कि यूपी की 10 सीटों के लिए हुए राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को अपने ही विधायकों से झटका लगा है. सपा के 7 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर बीजेपी उम्मीदवारों का समर्थन किया. वहीं, एक विधायक ने वोटिंग नहीं की जिससे भी पार्टी को नुकसान हुआ. इन 7 विधायकों में से एक राकेश प्रताप सिंह ने क्रॉस वोटिंग के बाद कहा कि सपा ने जिन उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, वे हमारे कार्यकर्ता नहीं हैं.

कार्यकर्ता सड़क पर संघर्ष करते हैं

सपा के बागी विधायक राकेश प्रताप सिंह ने कहा कि मैंने और 6 अन्य विधायकों ने मिलकर बीजेपी को वोट दिया है. सपा ने जिन तीन प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है, वे हमारे कार्यकर्ता नहीं हैं। एक कार्यकर्ता सड़क पर संघर्ष करता है और दूसरे को घर भेज दिया जाता है। मैं 21 साल से पार्टी में हूं. मैं मुलायम सिंह के नक्शेकदम पर चला, अखिलेश यादव को समझा लेकिन अब पार्टी पहले जैसी नहीं रही. आगे क्या होगा यह तय किया जायेगा. हम 7 लोगों ने बीजेपी को वोट दिया है. 

राज्यसभा चुनाव में सपा अपने तीनों उम्मीदवारों की जीत का दावा कर रही थी, लेकिन सात सपा विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर बीजेपी के आठवें उम्मीदवार संजय सेठ के समर्थन में वोट कर दिया. सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडे और राकेश पांडे के साथ ही राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, विनोद चतुवेर्दी, पूजा पाल और आशुतोष मौर्य ने बीजेपी प्रत्याशी को वोट दिया. वहीं, सपा सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की पत्नी वोट देने नहीं आईं.