भारत में एक तरफ जहां लू मुसीबत बनती जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ मूसलाधार बारिश भी मुसीबत बनती जा रही है. असम में मूसलाधार बारिश के कारण राज्य में बाढ़ की स्थिति गंभीर है. असम में मौसम सामान्य नहीं है और 28 मई से बारिश हो रही है. असम के 15 जिलों में 1.6 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. साथ ही भयानक बाढ़ से अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है.
लोग आश्रय स्थलों में शरण लेने को मजबूर हैं
असम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बाढ़ रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को हैलाकांडी जिले में बाढ़ के कारण डूबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई. एएसडीएमए के मुताबिक, राज्य में बाढ़ से अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य में बाढ़ से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है. खेतों में पानी भर गया, लोगों के घर डूब गए. इसके चलते राज्य में खाने-पीने के सामान की कमी हो गई है और लोग आश्रय शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं.
भयंकर बाढ़ से खेत नष्ट हो गया
उधर, असम के करीमगंज जिले में हालात बेहद खराब हो गए हैं, यहां अब तक 1.52 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें 41,711 बच्चे भी शामिल हैं। 225 गांवों की स्थिति भी बेहद खराब है. लोगों के घरों में पानी भर गया है, खाना नहीं बचा है. जिसके बाद करीब 22 हजार लोगों ने आश्रय शिविर में शरण ली है. एएसडीएमए बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ के पानी ने 1378.64 हेक्टेयर कृषि भूमि को नष्ट कर दिया है। बाढ़ प्रभावित जिलों में विश्वनाथ लखीमपुर, होजई, बोंगाईगांव, नलबाड़ी, तामुलपुर, उदलगुरी, दरांग, धेमाजी, हैलाकांडी, करीमगंज, हैलाकांडी, गोलपारा, नगांव, चिरांग और कोकराझार शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने की बैठक
बाढ़ ने न सिर्फ इंसानों को बल्कि जानवरों को भी प्रभावित किया है, बाढ़ के कारण राज्य में 93,895 मवेशियों को भारी नुकसान हुआ है। जिसके बाद असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा ने बाढ़ की स्थिति में राष्ट्रीय उद्यान के जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य पुलिस और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान प्रशासन के साथ बैठक की।