मंडी, 18 जून (हि.स.)। हिमालय साहित्य मंच एवं ओकार्ड इंडिया के संयुक्त तत्वावधान एवं नगर निगम शिमला के सानिध्य में 21 से 30 जून तक आठवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला आयोजित किया जा रहा है। राजधानी शिमला के पदमदेव कॉ पलैक्स में आयोजित होने वाले इस पुस्तक मेले में कई नामी प्रकाशक अपनी भागीदारी निभाएंगे। वहीं पर मेले के दौरान विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।
कार्यक्रम के संयोजक वरिष्ठ साहित्यकार एसआर हरनोट ने बताया कि यह आयोजन किताबों से दोस्ती तक सीमित न रह कर साहित्यकारों और पाठकों के बीच संवाद की मजबूत कड़ी भी बनेगा। जिसमें कवि दरबार, बाल साहित्य एवं हिंदी साहित्य और अनुवाद पर केंद्रित विशेष कार्यक्रमों का आयोजन इस बार के इस आठवें राष्ट्रीय पुस्तक मेले में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आठवें राष्ट्रीय पुस्तक मेले का शुभारंभ हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल द्वारा 21 जून को किया जाएगा। जबकि 22 जून को ऐतिहासिक गेयटी सभागार में किया जाएगा। इ
स अवसर पर प्र यात साहित्यकार एवं शिक्षाविद प्रो. अब्दुल बिस्मिल्लाह का सानिध्य प्रदेश के साहित्यकारों को प्राप्त होगा। जबकि 23 जून को बाल साहित्य मंच और 25 जून को हिमाचल के हिंदी साहित्य पर केंद्रित हिंदी साहित्य और अनुवाद कार्यक्रम निर्धारित रहेगा।
हिंदी के तीन उपन्यासों के अंग्रेजी अनुवाद पर होगी चर्चा:
राष्ट्रीय पुस्तक मेले के दौरान आयोजित होने वाले हिंदी साहित्य और अनुवाद कार्यक्रम में हिंदी के तीन उपन्यास जो हिमाचल के साहित्यकारों द्वारा लिखे गए हैं, जिनका हाल ही में अंग्रेजी में अनुवाद हुआ है, पर चर्चा की जाएगी। वरिष्ठ साहित्यकार एसआर हरनोट ने बताया कि हिमाचल के प्र यात उपन्यासकार डा. गंगा राम राजी के उपन्यास जनरल जोराबर सिंह कलहुरिया, त्रिलोक मेहरा के उपन्यास मुंडु और मुरारी शर्मा के उपन्यास देबकू एक प्रेम कथा का हाल ही में हिमाचल के साहित्यकार अनुवादक पंकज दर्शी द्वारा अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है। उन्होंने बताया कि पुस्तक मेले के दौरान 25 जून को ऐतिहासिक गेयटी सभागार में इन तीनों उपन्यासों और हिमाचल में हिंदी लेखन को लेकर चर्चा की जाएगी। इस मौके पर अगं्रेजी की साहित्यकार उषा बंदे का सानिध्य साहित्यकारों को मिला और प्रो. मीनाक्षी पॉल जो कई रचनाओं का अंग्रेजी में अनुवाद कर चुकी है कार्यक्रम की अध्यक्षता करेगी। इस दौरान होने वाली चर्चा में डा. देवेंद्र गुप्ता, डा. गंगा राम राजी , डा. कर्म सिंह, त्रिलोक मेहरा, डा. विजय विशाल, मुरारी शर्मा, डा. प्रियंका वैद्य, कृष्णचंद्र महादेविया, संदीप शर्मा, पवन चौहान, अनंत आलोक, डा. अ युदिता गौतम, डा. देवकन्या ठाकुर, ओमप्रकाश शर्मा, दीप्ति सारस्वत ओर डा. जगदीश बाली भाग लेंगे। इधर, अनुवादक पंकज दर्शी का कहना है कि यह सब वरिष्ठ साहित्यकार एसआर हरनोट के अथक प्रयासों का ही प्रतिफल है। उन्होंने कहा कि अनुवाद से किसी पुस्तक की ज्यादा संभावना है कि एक बड़े स्तर पाठक और समालोचक के पास पहुंचने की रहती है। क्योंकि एक लेखक अनुभव, ज्ञान और शोध के बाद ही लिख पाता है और एक-एक शब्द में कितनी ताकत लगती है यह केवल उसे ही ज्ञात होता है। उन्होंने बताया कि पुस्तक मेले में लेखकों और पाठकों का संवाद एक सार्थक पहल होगी।