रायपुर, 18 जून (हि.स.)। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आज मंगलवार को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के काम-काज की गहन समीक्षा की।
उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि, प्रधानमंत्री आवास निर्माण के काम में तेजी लाई जाए। कार्ययोजना बनाकर इसे समय-सीमा में पूर्ण किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बड़े गांवों के व्यवस्थित विकास के लिए भी कार्ययोजना तैयार करें। ग्रामीणों की समस्याओं के निराकरण के लिए प्रत्येक सप्ताह ग्रामीण सचिवालय का आयोजन किया जाए।
इसी प्रकार पीएम जनमन योजना के तहत आदिवासी बहुल बसाहटों में मूलभूत सुविधाओं सहित सभी प्रमुख योजनाओं से जनजाति परिवारों को लाभान्वित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राशि की कमी नहीं होगी। सभी ग्राम पंचायतो में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये जा रहे हैं। इन्हें तेजी से पूर्ण करने के लिए कार्ययोजना बनाएं।
समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव निहारिका बारिक सिंह, संयुक्त सचिव तारन प्रकाश सिन्हा, संचालक प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण रजत बंसल, संचालक पंचायत सुश्री प्रियंका ऋषि महोबिया समेत विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
एक लाख 39 हजार आवास पूर्ण-अधिकारियों ने बताया कि 1 दिसम्बर 2023 से अब तक 1 लाख 39 हजार आवास का निर्माण कार्य पूर्ण हुए, 62 हजार 577 का कार्य जारी है।
ग्राम पंचायतों में बनेंगे महतारी सदन-प्रदेश के ग्राम पंचायतों में महिलाओं के लिए एक सुव्यस्थित महतारी सदन बनाया जाएगा। यह सदन सर्व सुविधायुक्त होगा। इस सदन में महिलाओं की विभिन्न गतिविधियां आयोजित होंगी। उप मुख्यमंत्री ने महतारी सदन की ड्राइंग डिजाइन का अनुमोदन करते हुए इसे तेजी से पूर्ण कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए। महतारी सदन का निर्माण लगभग 25 सौ वर्गफुट होगा, यहां बरामदा, एक बड़ाहाल, किचन और स्टोररूम शौचालय जैसी सुविधाएं रहेगी। पानी के लिए ट्यूबवेल के साथ वाटर हार्वेस्टिंग भी किया जाएगा। महिलाओं की सुरक्षा के लिए इसमे बॉउंड्रीवाल भी बनाये जाएंगे।
ग्रामीण सचिवालय का होगा आयोजन- ग्राम पंचायतो में आने वाली समस्याओं, शिकायतो और प्रकरणों के निराकरण हेतु ग्राम पंचायत में प्रति सप्ताह और विकासखण्ड स्तर में 15 दिवस में 1 दिन ग्रामीण सचिवालय लगाने के निर्देश बैठक में दिए गए। अधिकारियों को इसकी मॉनिटरिंग के लिए पोर्टल बनाने के भी निर्देश दिए।
बड़े गांवों का होगा योजनाबद्ध विकास- बड़े गांवों का योजनाबद्ध ढंग से विकास होगा। इसके लिए प्रथम चरण में 3 हजार से अधिक जनसंख्या वाले गांवों का चयन किया जा रहा है। चयनित गांवों के विकास के लिए भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार योजना तैयार की जाएगी।